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Friday, November 22, 2024
सौम्या केसरवानी | navpravah.com क़रीब 1200 किमी की दूरी साइकिल से तय कर ज्योति ने एक मिसाल पेश की है। ज्योति इस जज़्बे की वजह से रातों-रात दुनिया भर में चर्चित हो गईं। अब इसी  मुद्दे को सिनेमाइ शक्ल देने की भी बात शुरू हो गई है। फ़िल्म निर्माता विनोद कापड़ी...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk जिनके रात की सुबह बस ये ऐलान करने आती है कि आज फिर संघर्ष होगा, आज फिर रोटियां अपने हिस्से की, मेहनत कर के लेनी होगी, उनके अंदर एक अजीब सा जज़्बा होता है ज़िंदगी को लेकर और ख़ुश रहने के लिए उन्हें अलग...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk 1980 का दशक एक ऐसा समय था, जब भविष्य की मज़बूत नींव पड़ रही थी, सामाजिक चेतना का वह दौर शुरू हो चुका था, जिसमें भारत, सदियों की ग़ुलामी और दोहन के बाद, एक बार फिर अदम्य उत्साह से उठने को मचल रहा था।...
न्यूज़ अपडेट | Navpravah Desk हाल ही में प्रदर्शित वेब सीरीज "पाताल लोक" रिलीज़ के बाद से ही विवादों में घिर चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव जल्द ही ऐसी वेब सीरीज़ जो हिन्दू धर्म की संवेदनशील भावनाओं को आहत करती हैं, उनकी सेंसरशिप के लिए...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk किसी भी स्वस्थ समाज में, जो बुद्धि और भावना से धनी होता है, वहां, साहित्य और बाक़ी कलात्मक अभिव्यक्तियों का एक बिन्दु पर अक्सर मिलते रहना अवश्य होता रहता है। एक स्तर और ऊपर उठने पर, विज्ञान भी इस बिन्दु पर आ मिलता है।...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk बचपन में दादा- दादी या नाना-नानी की कहानियां हम बड़ी आसानी से बिना कोई ज़्यादा सवाल जवाब किये सुन भी लेते हैं, मान भी लेते हैं और ये हमें दिन भर की थकान से दूर, एक ऐसी दुनिया में ले जाती हैं, जहां फुर्सत...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk दरहक़ीक़त, ज़िंदगी में खुशियां कम, रंज-ओ-ग़म ज़्यादा होते हैं, लेकिन कई दफ़ा, हंस भर लेने से बहुत से मसले सुलझ जाते हैं, ज़िंदगी आसान मालूम होती है। हर बार, कुछ किरदार हमारी हंसी का सबब होते हैं, वे हमें ज़िंदगी में  किसी भी तरह...
सिनेप्रवाह |Navpravah Desk नेटफ्लिक्स की आगामी हॉरर सीरीज बेताल के निर्माताओं की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। मराठी लेखक समीर वाडेकर और महेश गोस्वामी ने शाहरुख़ ख़ान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स के खिलाफ मामला दायर किया है। उन्होंने बेताल के निर्माताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ज़ोम्बी...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk "ख़बररसां" कहते हैं उसे, ख़बरें पहुंचाना उसका काम होता है और जब से इंसान ने मआशरत में रहना सीखा, ख़बर पहुंचाने वाले, हरकारे, डाकिए, हर दौर में हुए। शहज़ादों के इश्क़ की बातें लिए, शहज़ादियों तक उड़ के जाते परिंदे हों या रास्तों पर...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री, स्व० श्रीमती इंदिरा गांधी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण के प्रसारण से टेलीविज़न पर रंगीन (कलर) प्रस्तुति का दौर शुरू हो चुका था। उसी साल एशियन गेम्स का आयोजन भी दिल्ली में ही किया गया था और दूरदर्शन ने इसे...