सौम्या केसरवानी | navpravah.com
क़रीब 1200 किमी की दूरी साइकिल से तय कर ज्योति ने एक मिसाल पेश की है। ज्योति इस जज़्बे की वजह से रातों-रात दुनिया भर में चर्चित हो गईं। अब इसी मुद्दे को सिनेमाइ शक्ल देने की भी बात शुरू हो गई है।
फ़िल्म निर्माता विनोद कापड़ी ने कहा है, ‘मैं पैदल और साइकिल से घर जाने वाले मजदूरों पर शॉर्ट फिल्म बना रहा हूं, लेकिन मैं ज्योति पर एक अलग फिल्म बनाने की तैयारी में हूं।’
विनोद कापड़ी ने कहा कि ज्योति अब लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गयी है और ऐसे में उन पर फिल्म बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वह ज्योति और उनके पिता की कहानी को अलग तरह से पेश करना चाहेंगे, ताकि लोग फिल्म दिल से देखें और पिता-पुत्री के संघर्ष को समझें।
ज्योति दरभंगा जिले की सिरुहुलिया गांव की रहने वाली हैं। ज्योति ने बताया था कि खाने-पीने के लिए हमारे पास पैसे नहीं बचे थे, मकान मालिक ने भी किराया न देने पर बाहर निकालने की धमकी दी थी।
ज्योति ने बताया कि, गुरुग्राम में मरने से अच्छा था कि हम रास्ते में मरें। इसलिए मैंने बीमार पापा से कहा कि, आप साइकिल से चलो, मैं आपको ले चलूंगी, मैंने पापा से जबरदस्ती की और उन्हें मनाकर साइकिल से निकल दी।
इस दौरान रास्ते में कई तरह की परेशानियां आईं लेकिन हर बाधा को ज्योति बिना हिम्मत हारे पार करती गई। कई बार ज्योति को खाना भी नहीं मिला, रास्ते में कहीं किसी ने पानी पिलाया तो कहीं किसी ने खाना खिलाया।
बता दें कि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति कुमारी को लेकर ट्वीट किया था, उन्होंने ट्विटर पर ज्योति कुमारी की खबर को शेयर किया है और भारतीयों की सहनशीलता को सराहा है। इवांका ने आगे लिखा है कि सहनशक्ति और प्यार की इस वीरगाथा ने भारतीय लोगों और साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।