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Friday, November 1, 2024
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk तस्वीरें, हमेशा ख़ामोशी से सब बयां करने की सलाहियत रखती थीं, लेकिन जब बोलना शुरू किया, तो हमारी हो रहीं और उनकी ख़ुमारी, इस क़दर तारी रही हमारे ऊपर कि हमारी ज़ुबान से लेकर हमारे अंदाज़ तक पर उनका असर आया।  दुनिया के सबसे...
पीयूष उपाध्याय | Cinema desk  कोरोना वायरस और लाकडाउन के कारण जहां एक ओर लोगों में तनाव बढ़ता हुआ देखा जा रहा है, वहीं लोगों में सकारात्मक सोच फिर से जगाने के लिए फिल्मीकैंडी एंटरटेनमेंट के निर्माता हरेश तोगाणी और सुशील पांडे जोश भरा गाना लेकर आए हैं "फिर से...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk अदाकार की ज़िंदगी का फ़लसफ़ा होता है, किरदार को ख़ुद में और ख़ुद को किरदार में ऐसे शामिल कर लेना कि फिर जहाँ भी, उसकी बात हो, किरदार का ख़याल पहले आए और उसके नाम की याद बाद में। फ़िल्मों में ऐसे बहुत से अदाकार...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk जिस ठौर बैठे, महफ़िल सी हुई, वीरान सा लगे उठ जाए है जहाँ से, सब हंसे तो मासूम चेहरा लिए सबको हैरत से देखे और जब हैरत में पड़े हो सब, तो ख़ूब हंसे। न डर, न दिखावा, न तकल्लुफ़, न छलावा और बेबाक़ी...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk आना, बुलाया जाना, आ जाना, तीनों अलग बातें हैं लेकिन रुक जाना, ठहर जाना और बस जाना, इन तीनों में से किसी भी एक वजह से हो सकता है। बॉब क्रिस्टो आए थे, मुंबई में रुके, उन्हें मस्कट जाने के लिए वर्क परमिट चाहिए...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk क़ायनात की फ़ितरत ही नहीं ख़ुद-ब-ख़ुद चलना, कोई चलाता है इसे नज़र की हदों के बाहर से, हंसाता है, रुलाता है, ठहराता है और जब नचाता भी है ज़ोर से, कुछ चल नहीं पाता दिल या दिमाग़ का और एक खामोश मंज़ूरी के साथ,...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk क़ज़ा, मौत, मर जाना, फ़ौत होना, ये कोई तय नहीं कर सकता, लेकिन पहले से, शायद हमारे यहाँ आने से पहले ही मुक़र्रर कर दिया जाता है वो लम्हा, जहां से हमारा होना रुक जाता है और दुनिया तेज़, बहुत तेज़ बढ़ जाती है...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk कब सूरत क्या निकल आए, ज़िंदगी ये कभी नहीं बताती,ज़्यादातर बातें पोशीदा, कुछ खिड़कियों से झांकता मुस्तक़बिल सा धूप-छांव का जाल, गलियां हों जैसे बनारस की, ऐसी ही लगती है ज़िंदगी। कुछ लोग गलियों में ठहरते हैं, माहौल का मज़ा लेते हैं, हंसते-हंसाते हैं...
ब्यूरो | navpravah.com कोरोना के ख़िलाफ़ चल रही जंग में कोरोना वॉरीअर्स की मदद के लिए सुपरस्टार अक्षय कुमार एक बार फिर सामने आए हैं। अभिनेता ने मुंबई पुलिस की मदद के लिए उन्हें सेंसर वाले GOQii के 1000 रिस्ट बैंड दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैंड से कोविड...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk कहते हैं रात को अपनी ख़ूबसूरती बताने के लिए, अल्फ़ाज़ नहीं लगते, एक चांद काफ़ी होता है और चांद को ऐतबार होता है कि उससे दूर रह कर भी, उससे ज़्यादा रौशन हो कर भी, सितारे, उसे संवारेंगे। ठीक ऐसा ही होता है ज़िंदगी...