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Thursday, November 21, 2024
सम्पादकीय | नवप्रवाह डॉट कॉम देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत दो वर्षों में तमाम चुनावी शिकस्त के बावजूद पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन नहीं कर पा रही। हालाँकि, इस बीच तमाम...
अमित द्विवेदी | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क  बिहार की राजनीति में नितीश कुमार का ग्राफ़ कुछ ऐसा रहा है कि वे सुविधा के हिसाब से राजनीतिक साथी बदलते रहे हैं। कभी भाजपा के साथ गठबन्धन, तो कभी महागठबंधन की नेतागीरी शुरू कर देते हैं। उनके इसी राजनीतिक उलट-पलट को चिराग़ पासवान...
डॉ. अजय खेमरिया | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क  आजादी के स्वर्णिम आंदोलन के बाद जिस महान नेता को देश ने लोकनायक के रूप में स्वीकार किया, उस जयप्रकाश नारायण यानी जेपी के बिना आजाद भारत का कोई भी राजनीतिक विमर्श पूर्ण नही होता है।समकालीन राजनीति में नेतृत्व करने वाली पूरी पीढ़ी...
डॉ. अजय खेमरिया | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क पिछले 70 बर्षों से बॉलीवुड में कायम एकपक्षीय वैचारिकी को सुशान्त सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत औऱ कंगना रणौत की चुनौती ने विमर्श के उस पटल पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां अब तथ्यों पर बात हो रही है। मनमानी सामंती धारणाओं...
डॉ. अजय खेमरिया | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क संवैधानिक संस्थाएं औऱ लोकतंत्र 2014 से पहले कभी खतरे में क्यों नही थे ? अचानक ऐसा क्या हुआ है कि देश भर में एक वर्ग ऐसा वातावरण बनाने में जुटा है, मानों भारत में कोई तानाशाही राज आ गया है। दुहाई लोकतंत्र की...
डॉ. अजय खेमरिया | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क  आधुनिक "राष्ट्र" राज्य की अवधारणा अपने भौगोलिक परिक्षेत्र और नागरिकों की सुरक्षा की प्रत्याभूति देती है। सामरिक सामर्थ्य हासिल करना प्रत्येक "राष्ट्र" की स्वाभाविक आवश्यकता है। शीतयुद्ध के खात्मे औऱ नई अर्थ केंद्रित विश्वव्यवस्था के आकार लेने के साथ ही दुनिया से सामरिक...
डॉ अजय खेमरिया | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क जय जय कमलनाथ के उदघोष के बीच जब मप्र काँग्रेस के विधायकों ने कमलनाथ के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की तो लगा कि  मप्र की राजनीति में कमलनाथ एक नई ताकत बन बीजेपी का मुकाबला करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम...
आनंद रूप द्विवेदी | Editorial Desk अंग्रेजी में एक कहावत है, "Don't judge a book by it's cover" लेकिन बात जब सीनियर क्राइम जर्नलिस्ट और थ्रिलर राइटर प्रफुल शाह की हो, तो उनकी हर किताब, आप कवर से भी जज कर सकते हैं। जितना खूबसूरत प्रफुल शाह की किताब का...
डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Editorial Desk कभी ज़हानत पर शक़ न था उनके, कभी ख़य्याम न रहे, किसी जानिब जाने की बेक़रारी न थी, बस एक रोज़ जाना मुकर्रर था, सो चल दिए, न गुज़ारिश की, न इजाज़त मांगी, न इत्तला किया, बस चल दिए| इरफ़ान ऐसे ही फिर...
प्रो. रजनीश शुक्ल | Editorial Desk भारतीय संस्कृति इस त्रिआयमी संसार में चौथे आयाम की खोज करने का प्रयास मात्र है। ऐन्द्रिक अनुभवों पर आधारित इस भौतिक संसार में चौथे आयाम की खोज करने वाली भारतीय परंपरा पुरुषार्थ पर आधारित है। पश्चिमी सभ्यताओं की तरह भारतीय संस्कृति पुरुषार्थ के विषय...