छात्रों की सुविधा के लिए बैंक जारी कर रहे ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड’, विद्यार्थियों में ख़ुशी की लहर

अनुज हनुमत,

भारत में अधिकतर पेरेन्ट्स की सोच यही है कि अगर बच्चों को क्रेडिट कार्ड दिया तो वो बिगड़ जायेंगे। लेकिन इसके उलट बैंकों की तरफ से स्टूडेंट्स को स्पेशल फीचर्स और बेनिफिट्स के साथ क्रेडिट कार्ड दिए जा रहे हैं। हालाँकि ये क्रेडिट कार्ड्स उन स्टूडेंट्स को जारी किया जाता है, जो 18 साल से अधिक उम्र के हैं या उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका डाक्यूमेंटेशन काफी सरल है। बता दें कि इसके लिए स्टूडेंट्स को ऐज प्रूफ, रेजिडेंस प्रूफ और अपना एजुकेशनल इनरोलमेंट बैंक को दस्तावेज के रूप में उपलब्ध कराना होगा। सबसे खास बात ये है कि भारत में स्टूडेंट्स को जारी किए जाने वाले क्रेडिट कार्ड्स की दो कैटेगरी है- सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड और एड-आॅन क्रेडिट कार्ड्स।

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड की खासियत-

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड्स फिक्स डिपॉजिट्स पर जारी किया जाता है। इस क्रेडिट कार्ड में क्रेडिट लिमिट फिक्स डिपॉजिट के तहत जमा राशि का 70 से 80 फीसदी तक होता है। इसलिए इस कार्ड में किसी तरह की असुरक्षा की गुंजाइश कम होती है। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड्स के लिए बैंकों द्वारा बहुत ही कम सालाना चार्ज लिया जाता है। इन कार्ड्स में स्टूडेंट्स को फ्यूल सरचार्ज में छूट, डिपार्टमेंटल स्टोर्स में कैश बैक की सुविधा, आॅन लाइन ट्रांजेक्शन पर पॉइंट्स और कार्ड होल्डर के बर्थ डे वाले मंथ में एक्स्ट्रा पॉइंट्स जैसे आॅफर्स मिलते हैं।

स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की ओर से स्टूडेंट्स को 5000 तक के फिक्स डिपॉजिट पर सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाया जाता है। वहीं, प्राइवेट सेक्टर के अग्रणी बैंको आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक भी बहुत कम फिक्स डिपॉजिट अमाउंट पर स्टूडेंट्स को सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा रहे हैं।

एड-आॅन क्रेडिट कार्ड की खासियत-

यदि पेरेन्ट्स बच्चों को क्रेडिट कार्ड देना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि वह इसका मिस यूज ना करे तो उनके लिए एड-आॅन क्रेडिट कार्ड एक अच्छा आॅप्शन है। इस तरह के क्रेडिट कार्ड में अभिभावक बच्चों द्वारा किए जा रहे खर्च का पूरा विवरण रख सकते हैं और क्रेडिट लिमिट भी सेट कर सकते हैं। स्टूडेंट्स एड-आॅन क्रेडिट कार्ड का विवेक पूर्ण इस्तेमाल करके अपने पेरेन्ट्स का विश्वास जीत सकते हैं। उन्हें यह विश्वास दिला सकते हैं कि वे अब जिम्मेदारी उठाना सीख गए हैं और जरूरत पड़ने पर ही क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, फिजूल खर्ची नहीं करते।

सच तो ये है कि क्रेडिट कार्ड का मतलब ही होता है आप उधार के पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं और जब आपके पैसे होंगे तो आप लौटा देंगे। बैंकों की तरफ से क्रेडिट कार्ड देने के लिए उपभोक्ताओं को तरह तरह के लुभावने आॅफर्स दिए जाते हैं। यदि आप खुद के पैरों पर नहीं खड़े हैं या जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं तो क्रेडिट कार्ड के चक्कर में न ही पड़ें। यदि क्रेडिट कार्ड लेना ही चाहते हैं तो स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड आपके लिए बेहतर आॅप्शन है। क्योंकि इसमें ज्यादा फायदे है। वैसे बड़े शहरों में स्टूडेंट क्रेडिट कार्डस के प्रति छात्रों का जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है ।

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