लखनऊ | यूपी विधानसभा में योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश कर रहे हैं। बजट पढ़ने से पहले उन्होंने एक मशहूर शेर सुनाया और फिर सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में हुए विकास का उन्होंने जिक्र किया। सुरेश खन्ना ने कहा कि यूपी देश का ग्रोथ इंजन बन रहा है। यूपी के प्रोडक्ट विदेश पहुंच रहे हैं। इसके अलावा सुरेश खन्ना ने रामचरितमानस की चौपाई भी सुनाई।
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पूजा-अर्चना की और फिर मीडिया से बातचीत की। सुरेश खन्ना ने बताया कि यह बजट महिलाओं, किसानों और युवाओं का बजट है। बता दें कि इस बार 8 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश हो सकता है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गुरुवार को विधानसभा में बजट पेश करेगी। एक अनुमान के मुताबिक इस बार का बजट आठ लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। जानकारों के अनुसार इस बार बजट में लोक-लुभावन घोषणाएं हो सकती हैं। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करेंगे। इस बजट में विकास के योगी मॉडल की छाप दिखेगी। मध्यवर्ग, युवा, किसान और महिलाएं बजट के फोकस में होंगी। ऐसा माना जा रहा है कि 2027 के चुनावों की छाप इस बजट में दिख सकती है। इस बजट में कृषि, उद्योग और बुनियादी विकास के साथ इस बजट में तकनीकी पर जोर रहेगा। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नई घोषणाएं हो सकती हैं।
सुरेश खन्ना ने कहा कि इस वर्ष परम पावन तीर्थनगरी प्रयागराज में महाकुम्भ-2025 का भव्य आयोजन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि महाकुम्भ 144 वर्षों में आता है। यह हम सभी के लिये ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत देश और पूरे विश्व के लिये परम सौभाग्य का विषय है कि हम अपने जीवनकाल में आस्था, संस्कृति और मानवता के समागम के इस महापर्व के भागी बन सके। कुम्भ का वर्णन ऋग्वेद एवं अथर्ववेद में मिलता है। यह भारत की प्राचीन सांस्कृतिक एवं धार्मिक अक्षुण्णता का परिचायक है। कुम्भ मात्र एक धार्मिक, सांस्कृतिक मेला ही नही है, यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना भी है। प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुम्भ के विषय में पुराणों का यह श्लोक मैं पढ़ना चाहूँगाः
“मेष राशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ।
अमावस्या तदा योगः कुम्भख्यस्तीर्थ नायके ।।”
अर्थात बृहस्पति मेष राशि में तथा चन्द्र और सूर्य मकर राशि में जब आते हैं और अमावस्या तिथि हो तो तीर्थो के नायक प्रयाग में कुम्भयोग होता है।
वित्त मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में यूजी, पीजी हेतु कुल 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इस हेतु लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थीं। शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में सीटों की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया। बलिया तथा बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु क्रमशः 27 करोड़ रुपये तथा 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वहीं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है। वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है। उप केन्द्रों से टेलीकन्सलटेशन प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने का आरम्भ जुलाई, 2020 से किया गया है। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पीपीपी मोड पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पीपीपी मोड पर जनपदीय चिकित्सालयों में सीटी स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आठ वर्ष पहले प्रत्येक वर्ष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रामक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं। उस दौरान प्रदेश में रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थाएं जनमामान्य को उपलबध नहीं थीं। वहीं योगी सरकार ने कोविड वैश्विक बीमारी के दौरान प्रदेश में जिस कुशलता के साथ इस विभीषिका का सामना किया गया, उसकी प्रशंसा विश्व स्तर पर की गई। आज प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का प्रसार जिस प्रकार हुआ है और लगातार हो रहा है, वह अदभुत है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं एवं 36 निजी क्षेत्र में हैं। प्रदेश में 2 एम्स एवं आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी तथा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित हैं। वर्ष 2024-2025 में 13 स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं पीपीपी मोड पर 3 जनपदों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल महाविद्यालयों/चिकित्सा संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की 11,800 सीटें तथा पीजी की 3971 सीटें उपलब्ध हैं।
समाज कल्याण में क्या है खास?
समाज कल्याण-
● वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के अन्तर्गत प्रति लाभार्थी 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। इस हेतु लगभग 8105 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● सभी वर्गों की पुत्रियों के विवाह हेतु अनुदान की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● अनुसूचित जाति के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना हेतु 100 करोड़ रूपये तथा सामान्य वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी योजना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● वृद्ध एवं अशक्त व्यक्तियों के लिये आवासीय गृह संचालित करने हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं को सहायता प्रदान किये जाने हेतु 60 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित है।
● अनुसूचित जाति पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना हेतु लगभग 968 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● सामान्य वर्ग पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जनजाति विकास-
● अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना हेतु लगभग 6 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान “पीएम- जनमन” के अन्तर्गत विशेष रूप से कमजोर जन जातीय समूहों का समग्र विकास किया जाना है।
● धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारम्भ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनाँक 02 अक्टूबर, 2024 को किया गया है।
● योजना का उद्देश्य देशभर में 63,000 से अधिक जनजातीय बाहुल्य ग्रामों तथा आकांक्षी जनपदों के जनजातीय ग्रामों को 18 विभागों के कार्यक्रमों से संतृप्त किया जाना है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 4882 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित-
महात्मा गाँधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-2026 हेतु 34 करोड़ मानव दिवस का सृजन किये जाने का लक्ष्य अनुमानित है, जिसके सापेक्ष 5372 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 36 लाख से अधिक आवासों का निर्माण कराया जा चुका है। योजना हेतु लगभग 4882 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित सड़कों के अनुरक्षण कार्य हेतु 1088 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना हेतु 427 करोड़ रुपये का व्यय अनुमान प्रस्तावित है। उक्त योजनान्तर्गत युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के उपरान्त नियोजित किया जा सकेगा।
बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपए-
सुरेश खन्ना ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में सम्मिलित प्रमुख योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत करने के पूर्व में, बजट की संक्षिप्त रूपरेखा इस सम्मानित सदन के समक्ष रखना चाहूंगा। प्रस्तुत बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये है, जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है। बजट में पूँजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है। पूंजीगत परिव्यय के अन्तर्गत अवसंरचना निर्माण, विस्तार और निवेश संबंधी व्यय आते हैं। उद्योग, आवागमन, उत्पादों की बाजार तक पहुंच तथा प्रदेश में पूँजी निवेश को आकर्षित करने जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों में पूंजीगत व्यय की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती है। इस बजट में अवस्थापना विकास हेतु 22 प्रतिशत, शिक्षा हेतु 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं हेतु 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों हेतु 4 प्रतिशत एवं संसाधन आवंटित किये गये हैं। हमने बजट में शोध एवं विकास तथा सूचना प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान दिया है। विधान सभा को आधुनिक आई०टी० सिस्टम्स से लैस करने के लिये बजट में विशेष रूप से व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। यह प्रक्रिया आगे भी चलती रहेगी।
यूपी में चार नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण-
राज्य सरकार ने यूपी में चार नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण का फैसला लिया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाएगा, जिसके लिये 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ने के लिए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिएं 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है। बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना हेतु लगभग 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत लगभग साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है।
बजट मे शिक्षा पर जोर-
हायर एजुकेशन से छात्राओं को लाभ मिलेगा
शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत बजट
बलिया, बलरामपुर को बड़ा तोहफा- राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाने का ऐलान