ब्यूरो | navpravah.com
नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अध्यक्षता में हो रही जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक जारी है। यह बैठक दो दिनों तक चलेगी और लिए गए फैसलों की घोषणा चार सितंबर को होगी। इस बैठक में केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हो रहे हैं। इस बार हो रही जीएसटी परिषद की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल क़िले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी दरों में बदलाव की घोषणा किया था। यह बदलाव जीएसटी लागू होने के आठ साल बाद होगी। परिषद ने इस बार जीएसटी दरों में भारी कटौती करने का प्रस्ताव रखा है। सरकार के इस प्रस्ताव का मकसद अमेरिका द्वारा लगाए टैरिफ के चुनौतियों से निपटने के लिए घरेलु स्तर पर मांग को बढ़ावा देने की कोशिश करना।
इसके पहले फरवरी में आयकर में बड़ी राहत देने के बाद अब जीएसटी दरों में बड़ी कटौती करने से देश में खपत बढ़ने की उम्मीद है। जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में अप्रत्याशित रूप से 7.8% की उच्च दर ने इसके संकेत पहले ही दे दिए हैं।
इस बैठक में परिषद, हेयर ऑयल से लेकर छोटी कारों तक लगभग 400 वस्तुओं की कीमत कम करने पर विचार करेगा। रॉयटर्स ने ग्रांट थॉर्नटन भारत एलएलपी के पार्टनर मनोज मिश्रा के हवाले से बताया है कि अमेरिकी टैरिफ के कारण कपड़ा, ऑटो और संभवतः फार्मास्यूटिकल्स के निर्यात पर असर पड़ रहा है। ऐसे में भारत को प्राथमिक विकास इंजन के रूप में घरेलू खपत पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
इस कदम के बाद से हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज जैसी एफएमसीजी कंपनियों और सैमसंग जैसी इलेक्ट्रानिक्स कंपनियों को फायदे का अनुमान है। वहीं वाहनों की ब्रिकी से मारूति, टोयोटा मोटर्स और सुजुकी कार जैसी कंपनियों को बड़े राहत की उम्मीद है।
जानकारों के मुताबिक जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो स्लैब में करने की योजना है। जीएसटी में लगने वाले 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को हटाया जा सकता है। वहीं एक 40 प्रतिशत के नए स्लैब को जोड़ने का विचार किया जा रहा है। इसके तहत सिगरेट और महंगी कारों जैसी विलासितापूर्ण चीजों पर मोटा कर लगाने पर विचार किया जाना है। सरकार की योजना है कि रोजमर्रा में उपयोग होने वाली वस्तुओं को 5 प्रतिशत की श्रेणी में लाया जाए, जो फिलहाल 12 प्रतिशत वाले स्लैब में है।
जीएसटी सुधारों के लिए केंद्र की रूपरेखा के अनुसार, आठ क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है। इसमें कपड़ा, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन, हस्तशिल्प, कृषि, स्वास्थ्य और बीमा के दरों में बदलाव से सबसे अधिक लाभ होगा।
सस्ते होने वाले अनुमानित वस्तुओं की सूची-
डेयरी प्रोडक्ट्स: मक्खन, पनीर, छाछ, पनीर जैसे उत्पाद।
रेडी टू इट फूड्स: जैम, अचार, स्नैक्स, चटनी जैसे उत्पाद।
पर्सनल केयर उत्पाद: टूथपेस्ट, शैम्पू, साबुन, टैल्कम पाउडर।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स: एसी, टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन।
निजी वाहन: छोटी कारें, हाइब्रिड कारें, मोटरसाइकिलें, स्कूटर।
बीमा: लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर शून्य प्रतिशत जीएसटी का प्रस्ताव।