एनपी न्यूज़ नेट्वर्क । Navpravah.com
महंगाई की मार से कोई राहत नहीं मिलने वाली है, बल्कि अगले छह महीनों में इसके बढ़ने के संकेत दिख रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को ब्याज दरों में बदलाव न करने का ऐलान किया है। आरबीआई ने आर्थिक विकास दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत किया है औरआने वाले छह महीनों में महंगाई दर 4.2 से 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के बढ़ते दाम और खरीफ फसल उत्पादन को लेकर अनिश्चितता की वजह से केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। दीपावली के दौरान कम कीमत पर कर्ज मिलने की लोगों की उम्मीदों को धक्का देते हुए रेपो रेट 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। रेपो रेट वो दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को कर्ज देता है।
इस साल जून महीने में महंगाई दर 1.5 फीसदी, जुलाई में 2.36 फीसदी थी। वहीं, सब्जियां और फल महंगे होने की वजह से अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 3.36 प्रतिशत के पांच महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी। पिछले साल अक्टूबर और इस साल अगस्त में ब्याज दरों में कटौती की गई थी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि खरीफ उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान में कुछ अनिश्चितता दिखाई दे रही है। इसके अलावा माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के बाद मूल्यों में कुछ संशोधन हो रहा है, उर्जित पटेल की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति बढ़ती महंगाई पर पैनी नजर बनाए हुए है।
दूसरी तरफ, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से दबाव में आई केंद्र सरकार ने मंगलवार को ही आम जनता को राहत देने की कोशिश की है, सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर बुनियादी एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला किया है। अब पेट्रोल 2.50 रुपए लीटर सस्ता हो गया और डीजल की कीमतों में 2.25 रुपए प्रति लीटर की कमी आई है।