निर्विरोध रूप से अखिलेश बने सपा अध्यक्ष, भाजपा को पटखनी देने का पीटा डंका

पत्नी की सीट से चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं अखलेश यादव

शिखा पाण्डेय|Navpravah.com

एक बड़ी प्रसिद्ध कहावत है, ‘रस्सी जल गई, पर बल नहीं गया।’ यह कहावत बड़ी सटीक बैठती है समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर। जी हाँ! अखिलेश यादव का मानना है कि देश के अधिकतर राज्यों में अपना वर्चस्व स्थापित कर चुकी भारतीय जनता पार्टी को मात्र उन्हीं की पार्टी पटखनी दे सकती है। अखिलेश यादव ने गुरुवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को रोकने और उसका सामना करने का दम सिर्फ सपा में है।

उल्लेखनीय है कि सपा के 10वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को लगातार दूसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। आज निर्वाचन की घोषणा के बाद सभा को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा, ” भाजपा के लोगों ने प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन जो कर्ज माफ होना चाहिए, वह नहीं हुआ। अखिलेश ने कहा, “आज देश के जो हालात हैं, वह किसी से छुपे नहीं हैं। आज ना केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश का किसान संकट में है।”

अखिलेश ने नोटबंदी और जीएसटी को भाजपा सरकार की सबसे बड़ी असफलता करार देते हुए कहा कि नोटबंदी से जो व्यापार ठहरा था, वह जीएसटी के कारण पूरा बंद हो गया। दोनों ने मिल कर नौजवानों का रोजगार छीन लिया।
अखिलेश ने कहा, “भाजपा जितनी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, उसका झूठ भी उतने ही बड़े पहाड़ जैसा है। हम समाजवादी लोगों को संकल्प लेना होगा कि हम उनके पहाड़ जैसे झूठ का पर्दाफाश करेंगे।” अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी से सिर्फ बैंकों को फायदा हुआ है, आम जनता को नहीं।

अखिलेश ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारें अन्याय कर रही हैं, उन्हें रोकना होगा। इन सरकारों के अब तक के कार्यकाल में कोई विकास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सीबीआई के जरिये लोगों को डराती है, लेकिन समाजवादी किसी से नहीं डरते।
अखिलेश ने कहा, ” हमें संकल्प करना होगा कि सपा और उसकी साइकिल और तेजी से आगे बढ़ती जाए।” उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा उत्तर प्रदेश और अपनी मौजूदगीवाले अन्य राज्यों में बड़ी ताकत से लोकसभा में पहुंचे।

अखिलेश ने लगे हाथ अपने व अपने पिता के बीच लंबे समय से चल रहे मनमुटाव के बिलकुल समाप्त हो जाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उनकी मुलायम से कई बार फोन पर बात हुई और उनसे आशीर्वाद भी मिला।उन्होंने कहा, “हमने नेताजी (मुलायम यादव) को सूचित किया था कि गुरुवार को बहुत बड़ा सम्मेलन होने जा रहा है, अगर आप आयेंगे तो हम सभी को बहुत अच्छा लगेगा। मैंने उनसे बुधवार को भी बात की। सम्मेलन में आने से पहले भी बात की और कहा की अगर आपका आशीर्वाद नहीं होगा तो पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी। इस पर नेताजी ने हम सबको फोन पर आशीर्वाद दिया।” अखिलेश ने भरोसा जताया कि जब नौजवान सपा के साथ खड़े हैं, तो आनेवाले चुनाव में पार्टी और ज्यादा सीटों पर जीत हासिल ज़रूर करेगी। कारण चाहे जो हो, लेकिन आपको बता दें कि सपा के इस अधिवेशन में मुलायम शामिल नहीं हुए।

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