शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
‘डिजिटल इंडिया’ का स्वप्न साकार करने की दिशा में मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने की योजना बना रही है। देश को लेन देन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार डिजिटल करेंसी के क्षेत्र में काम कर रही है। सरकार की इस योजना को यदि आरबीआई ने मंजूरी दी, तो सरकार बिटक्वाइन जैसी डिजिटल करंसी ला सकती है। इस मामले में सरकार द्वारा गठित वर्किंग ग्रुप और आरबीआई काम कर रहे हैं। यह करेंसी डिजिटल वर्ल्ड में भारत को भी शुमार कर, लेन-देन का उत्तम माध्यम बन सकती है।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है, जो ‘ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी’ से रिलेटेड सिक्युरिटी और बॉयोमेट्रिक्स पर काम कर रहा है। इसके तहत साइबर सिक्युरिटी को लेकर एक स्टैण्डर्ड और लीगल फ्रेमवर्क बनाने का प्लान है, जिसमें सर्टिफिकेशन और सर्विलियेन्स का सिस्टम होगा।
सूत्रों के मुताबिक अगर नई करंसी की मंजूरी मिलती है, तो उसका नाम ‘लक्ष्मी’ रखा जा सकता है। वर्किंग ग्रुप की मीटिंग में सी-डैक, वीजेटीआई और आईडीआरबीटी द्वारा प्रपोजल दिया गया है कि एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाए। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए इस डिजिटल करंसी का यूज किया जा सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मीटिंग में यह बात भी सामने आई है कि कई प्राइवेट बैंकों ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को सफलतापूर्वक एक्जीक्यूट भी कर दिया है। साथ ही प्राइवेट बैंक्स, जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक इसे लागू करने की तैयारी भी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दुनिया के कई देशों में डिजिटल करंसी को लेकर ट्रायल चल रहा है। ‘बिटक्वाइन’ पहले से ही पूरी दुनिया में डिजिटल पेमेंट मोड के रूप में प्रसिद्धि पा चुका है।