शिखा पांडे|navpravah.com
अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब दस्तकारों, शिल्पकारों एवं कारीगरों के लिए केंद्र सरकार एक बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आई है। इन गरीब कलाकारों को बाज़ार उपलब्ध कराने की योजना के तहत सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में ‘हुनर हब’ बनाने की योजना बनाई है। साथ ही इन शिल्पकारों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत काफी छूट भी दी जायेगी।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “अल्पसंख्यक समाज की पुश्तैनी शिल्पकारी-दस्तकारी को आधुनिक युग की जरूरत के हिसाब से कौशल विकास के जरिए तराशने हेतु बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। इनमें राजगीर, बढ़ई, जरदोजी, टेलरिंग, हाउस कीपिंग, आधुनिक-आर्गेनिक कृषि, कुम्हार, ज्वेलरी, यूनानी-आयुर्वेद अनुसंधान, पीतल, कांच, मिट्टी से निर्मित सामग्री का निर्माण आदि शामिल हैं।”
नकवी ने एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा, “हमारा मंत्रालय दस्तकारों, शिल्पकारों एवं कारीगरों तथा हुनर के उस्तादों को मौका, बाजार और रोजगार के अवसर मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है।” नकवी ने बताया कि इस उद्देश्य के लिये देश के विभिन्न स्थानों पर हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक समाज के दस्तकारों-शिल्पकारों की कला-कौशल की विरासत को बाज़ार देने के लिए सभी राज्यों में हुनर हब बनाने पर काम शुरू किया गया है।
नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों के दस्तकारों के लाभ के लिए दस्तकार ऋण योजना की भी शुरूआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत, दस्तकारों को उनकी पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए रियायती ऋण मिल सकेगा। उम्मीद है कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत एनएमडीएफसी की इस पहल से देश के पारंपरिक कला और शिल्प की विरासत को पुनर्जीवित करने में दूरगामी परिणाम निकलेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गरीब दस्तकारों, शिल्पकारों एवं कारीगरों को जीएसटी के तहत बड़ी छूट दे रही है । 20 लाख रूपये से कम कारोबार करने वाले ऐसे कारीगरों को जीएसटी के तहत पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है। नकवी ने कहा कि हुनर हब के संबंध में विभिन्न राज्य अपने प्रस्ताव भेजें, ताकि अगले वित्तीय वर्ष में कम से कम दो दर्जन राज्यों में ऐसे हुनर हब का निर्माण हो सके, जहाँ हुनर हाट एवं अन्य सामाजिक-शैक्षिक, कौशल विकास की गतिविधियां की जा सकें। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय अब हुनर हाट का दायरा बढ़ा रही है और छोटे शहरों में भी इसका आयोजन किया जायेगा।
नकवी ने बताया कि 24 सितंबर से पांडिचेरी में हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद नवंबर में दिल्ली के प्रगति मैदान में और फिर फरवरी में कनॉट प्लेस में तथा जनवरी में मुम्बई में हुनर हाट का आयोजन किया जायेगा। इसी प्रकार से लखनऊ, पटना, जयपुर, गुवाहाटी, बेंगलूर, हैदराबाद और चेन्नई में भी हुनर हाट का आयोजन किया जायेगा ।
नकवी ने कहा कि हुनर हाट के माध्यम से अल्पसंख्यक समाज के दस्तकारों शिल्पकारों को अपनी कला को देश ही नहीं विदेश के दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने का मौका मिला है। लोगों ने दस्तकारों-शिल्पकारों के सामान की लाखों रूपए की खरीद ही नहीं की बल्कि इन्हें बड़ी संख्या में देश-विदेश से आर्डर भी मिले हैं।