शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
अगर आप लंबे समय से सोना खरीदने के सुनहरे मौके की तलाश में हैं, तो बहुत जल्द वह सुनहरा मौका आपको मिलने वाला है। जी हां! जीएसटी के तहत सोने पर 3 फीसदी और मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी टैक्स लगाए जाने से सोने की डिमांड में कमी आई है, जिसका असर इसकी कीमतों पर पड़ा है।
जीएसटी लागू होने के बाद सोना पहले ही 1000 रुपए तक सस्ता हो गया है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों पर आगे भी दबाव बना रहेगा और 1 से 2 महीने में सोना 1000 रुपए और गिरकर 27000 के लेवल पर आ सकता है। वैसे फिलहाल बाजार में सोने की कीमत 27996 रुपए प्रति 10 ग्राम है।
ग्लोबल लेवल पर कमजोर डिमांड द्वारा आगे भी ब्याज दरों में वृद्धि के संकेत दिए जाने से सोने की कीमतें रेंज बाउंड में आ गई हैं। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले 2 महीने के लिए सोने का आउटलुक निगेटिव दिख रहा है। एंजेल ब्रोकिंग कमोडिटी के डिप्टी वीपी अनुज गुप्ता के मुताबिक, इस समय डोमेस्टिक के साथ ग्लोबल स्तर पर स्टॉक मार्केट अच्छा परफॉर्म कर रहा है। कमोडिटी में गिरावट का ट्रेंड जारी है।
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने एक निजी अख़बार को बताया कि यूएस फेडरल रिजर्व आगे भी ब्याज दरें बढ़ाने को लेकर पॉजिटिव है। लेकिन कमजोर अमेरिकी डाटा इसको सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इससे सोने की कीमतों में आगे भी कमजोरी देखी जा सकती है। दूसरी ओर ‘प्रेस्टलोन डॉट कॉम’ के सीईओ अशोक मित्तल का कहना है कि प्रायः इस समय सोने की डिमांड बाक़ी सिज़न्स से कम रहती ही है। साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है। इन वजहों से सोने की कीमतें और गिर सकती है।
एक्सपर्ट अनुज गुप्ता इस गिरावट के लिए मानसून को ज़िम्मेदार मानते हैं। उनके अनुसार मानसून के अच्छे रहने से रूरल इनकम बढ़ती है और सोने की डिमांड में तेजी आती है। इस बार न मानसून अच्छा रहा है, न रूरल इनकम।
साथ ही जियोपॉलिटिकल टेंशन में कमी आई है, जिससे सोने की कीमतें गिरी हैं।