सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, सत्र शुरू होते ही अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं पूर्व लोकसभा सांसद विनोद खन्ना, अनिल माधव दवे को भी श्रद्धांजलि दी गई, जिसके बाद कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले संसद सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज मानसून सत्र का प्रारंभ हो रहा है, यह मानसून सत्र जीएसटी की सफल वर्षा के कारण, पूरा सत्र नई सुगंध और नई उमंग से भरा हुआ होगा। ‘Growing Stronger Together’ यह जीएसटी की स्पिरिट का दूसरा नाम है. यह सत्र भी उस जीएसटी स्पिरिट के साथ आगे बढ़े।
15 अगस्त को आजादी के सात दशक यात्रा पूर्ण कर रहे हैं, 09 अगस्त को सत्र के दरम्यान ही अगस्त क्रांति के 75 साल हो रहे हैं। ‘Quit India’ Movement के 75 साल का यह अवसर है, यही सत्र है जब देश को नए राष्ट्रपति और नए उपराष्ट्रपति चुनने का अवसर मिला है। इसलिए देशवासियों का ध्यान हमेशा की तरह इस मानसून सत्र पर विशेष रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि, जब हम मानसून सत्र का प्रारंभ कर रहे हैं तो उस प्रांरभ में, हम देश के उन किसानों को नमन करते हैं जो इस ऋतु में कठोर परिश्रम करके देशवासियों के खाद्य सुरक्षा का इंतजाम करते हैं और उन्हीं को नमन करते हुए यह सत्र का प्रारंभ होता है, इस मानसून सत्र में मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल, सभी मान्य सांसद गण राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण फैसले ले करके, उत्तम स्तर की चर्चा करके, हर विचार में value-addition करने का प्रयास हम सब मिल करके करेंगे।
मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, सभी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर असामाजिक लोग हिंसा कर रहे हैं। इन सभी के खिलाफ राज्य सरकारें कड़ी कार्रवाई करें, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में गोमाता की रक्षा होनी चाहिए और उसके लिए कानून है, लेकिन जो तत्व इसका नाजायज फायदा उठा रहे है।
राष्ट्रपति चुनाव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों का धन्यवाद किया, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आम सहमति रहती, तो अच्छा रहता।