सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
एसबीआई और एसोसिएटेड बैंकों का विलय हो चुका है, एसबीआई के अलावा, अन्य 5 बैंकों में जिनका भी खाता है वो स्टेट बैंक के पास चला जाएगा। 31 दिसंबर 2017 के बाद स्टेट बैंक के एसोसिएटेड बैंकों सहित 6 बैंकों की चेक बुक अमान्य हो जाएंगी।
इनके जरिए कोई भी खाताधारक अपने अकाउंट से पैसा नहीं निकाल सकेगा। हालाँकि पहले सितंबर के अंत में ये व्यवस्था लागू होनी थी, लेकिन आरबीआई ने हाल में ही ये डेडलाइन बढ़ाई दी थी। एसोसिएटेड बैंकों के एसबीआई में विलय होने से ये नया नियम लागू होगा। SBI के मुताबिक, इन सभी बैंकों के ग्राहकों को 1 जनवरी 2018 से मोबाइल बैंकिंग या ब्रांच में आकर नई चेकबुक के लिए अप्लाई करना होगा।
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, भारतीय महिला बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद इन छह बैंकों का एसबीआई में विलय हो गया है। इनके विलय के साथ ही 1 अप्रैल 2017 से इन बैंकों के ग्राहक एसबीआई के ग्राहक हो गए हैं, हालांकि, विलय के बाद से ही एसबीआई ने अपनी सेवाएं महंगी कर दी हैं।
एसबीआई के सहयोगी बैंकों की ओर से जारी किए जाने वाले डेबिट और क्रेडिट कार्ड पहले से ही एसबीआई के नेटवर्क के तहत ही काम करते थे, रिपोर्ट्स के मुताबिक, सहयोगी बैंकों के विलय से SBI और मजबूत होगा और उसकी वित्तीय स्थिति भी बेहतर होगी। एसबीआई के अधिकारियों का मानना है कि इस विलय का मकसद एक बेहद मजबूत बैंक तैयार करना है और अलग-अलग बैंकों की बजाए एक बड़े मजबूत बैंक में सभी को लाने से ग्राहकों को भी आसानी होगी।