राजेश सोनी | Navpravah.com
सरकार ने जीएसटी की दरों में भले ही कटौती कर दी हो, लेकिन रेस्टोरेंट मालिकों की मनमानी अब भी जारी है। होटल मालिकों का कहना है कि होटल को चलाना आसान नहीं है, खर्चे बहुत ज्यादा हैं, इसलिए वे सुविधानुसार खाद्य पदार्थों के दाम बढाने के लिए आज़ाद हैं।
देश में पिछले ही हफ्ते जीएसटी कॉउन्सिल ने अपने बैठक में जीएसटी के दरों में कटौती का फैसला लिया था। गुवाहाटी में हुई इस बैठक में जीएसटी कॉउन्सिल ने 178 वस्तुओं पर दरें कम कर दी थी। उनमें से ही एक है रेस्टोरेंट में बैठकर भोजन करना। हालाँकि सरकार होटल मालिकों की मनमानी को लेकर गंभीर भी है। सरकार इसे मुनाफाखोरी की नजर से देख रही है और रेस्टोरेंट मालिकों पर करवाई करने की तैयारी में हैं। सरकार ने कहा अगर मुनाफाखोरी का मामला किसी भी रेस्टोरेंट के खिलाफ साबित होता है तो उन पर करवाई जरूर होगी।
सरकार के इस फैसले को होटल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने विरोध कर उसे चुनौती दी है। एसोसिएशन ने कहा कि जीएसटी से हमें केवल एक प्रतिशत का ही फायदा हुआ है।