अभिजीत मिश्र/अनुज हनुमत ,
तुर्की में सैन्य तख्ता पलट करने की बड़ी साजिश को तो तुर्की पुलिस ने नाकाम कर दिया लेकिन अभी भी पूरे देश में कर्फ्यू की स्थिति बनी हुई है। अब तक इस पूरे संघर्ष के दौरान 196 लोगों की मौत हो गई है और करीब 1154 घायल हुए है। जानकारी के मुताबिक़, 3000 लोगों को तुर्की सरकार ने गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि शुक्रवार देर रात को तुर्की के विद्रोही सैनिकों के एक गुट ने तुर्की की राजधानी अंकारा के संसद के पास टैंक से गोले छोड़े और गोली बारी शुरू कर दी। इसी वक़्त इस्तानबुल के एयरपोर्ट में भी गोली बारी की आवाजें सुनाई देने लगी।
विद्रोही सैनिकों ने कहा कि हम तख्ता पलट करने में सफल हुए है और देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। मगर सरकार ने इस बात को नकारते हुए कहा, ये तख्ता पलट करने की कोशिश नहीं थी और न ही सरकार सत्ता से हट गई है। तुर्की का मुख्यालय सरकारी सेनिकों के नियंत्रण में है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस विद्रोह का नेतृत्व कौन कर रहा था।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान के कहा है कि ऐसी हरकतें करने वालों की सरकार निंदा करती है। मुझे देश के 52 प्रतिशत लोगों ने चुना है। जैसा वो चाहेंगे वैसा ही होगा। जब तक सारा देश उनके खिलाफ खड़ा है, तब तक हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
विद्रोही सेनिको ने टैंक, हेलीकॉप्टर और विस्फोटक हथियारों को कब्जे में कर लिया था और चारों तरफ बस हमला किए जा रहे थे। गोलीबारी में अब तक करीब 90 आम नागरिक और 17 पुलिस कर्मचारियों की मौत हुई है। सारे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है और तख्ता पलट करने की कोशिश कर रहे 700 लोगों को गिरफ्तार किया है।
लोगो ने इस तख्ता पलट को रोकने के लिए राष्ट्रपति के कहने पर सड़क पर आकर विरोध किया। विद्रोही सेना के कमांडर को गिरफ्तार कर लिया है और सभी विद्रोही सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। सरकार का कहना है कि धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो जायेगी, लेकिन अभी कुछ दिन का समय तो लगेगा ही।