तुर्की का ड्रोन , ३६ ठिकाने , पाक के हर पाप का किया सेना ने पर्दाफाश

नृपेंद्र कुमार मौर्य|navpravah.com

नई दिल्ली। भारत के सैन्य ऑपरेशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार रात भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ की बड़ी कोशिश की, लेकिन भारतीय सैन्यबलों ने उसकी इस गुस्ताखी को करारा जवाब देते हुए न सिर्फ हमलों को नाकाम किया, बल्कि दुश्मन को भारी नुकसान भी पहुंचाया। भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका विस्तृत खुलासा किया।

भारतीय अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात को लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 से अधिक स्थानों पर तुर्की से प्राप्त 300 से 400 ड्रोनों की मदद से वायुसीमा का उल्लंघन किया। इन ड्रोनों के जरिए पाकिस्तान भारत की वायु रक्षा प्रणालियों और सैन्य ठिकानों की टोह लेना चाहता था। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली और यूनिफाइड काउंटर यूएएस ग्रिड ने समय रहते इन हमलों को भांप लिया और अधिकतर ड्रोनों को मार गिराया गया।

भारतीय सेना की प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ये सभी हमले भारतीय सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाने की कोशिश थे। “300 से अधिक ड्रोनों के जरिए हमारी सीमाओं की टोह लेने की कोशिश की गई। इनमें तुर्की के UAVs शामिल थे, जिनकी प्रारंभिक जांच की जा रही है,” उन्होंने कहा।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पाकिस्तान ने 7 मई की रात करीब साढ़े आठ बजे भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले किए। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उस दौरान पाकिस्तान ने अपने वायुक्षेत्र को नागरिक विमानों के लिए बंद नहीं किया। इसका उद्देश्य स्पष्ट था – नागरिक विमानों को ढाल बनाकर हमले करना। उन्होंने कहा कि भारत ने संयम का परिचय देते हुए केवल सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की, जिससे नागरिकों की जान को कोई खतरा न हो।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान की एक और साजिश का पर्दाफाश करते हुए बताया कि पाक सेना धार्मिक स्थलों को निशाना बना रही है और इसके लिए भारत को दोषी ठहरा रही है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान कहता है कि उसने किसी धार्मिक स्थल पर हमला नहीं किया, लेकिन हमारे पास सबूत हैं कि पुंछ में गुरुद्वारे को निशाना बनाया गया, जिसमें कुछ सिख श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई।” मिसरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ननकाना साहिब पर हुए कथित हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है, जबकि यह पूरी तरह से फर्जी और मनगढंत दावा है।

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह भी बताया गया कि भारत ने लाहौर में स्थित पाकिस्तान की एक वायु रक्षा प्रणाली को सटीक हमले से नष्ट किया। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी वायु रडारों और एयर डिफेंस ठिकानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया।

पाकिस्तान की इन कार्रवाइयों का मकसद केवल सैन्य तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि धार्मिक और साम्प्रदायिक रंग देकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को धूमिल करना भी था। विदेश मंत्रालय की यह लगातार तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी, जिससे साफ है कि भारत सरकार इस मसले पर गंभीरता से काम कर रही है और हर झूठ का माकूल जवाब तथ्यों के साथ दे रही है।

सेना ने यह भी बताया कि पाकिस्तान लगातार नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी कर रहा है, जिसमें भारत के कुछ जवान घायल भी हुए हैं, लेकिन जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को कहीं ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है।

कुल मिलाकर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की नापाक हरकतें एक बार फिर नाकाम साबित हुई हैं। भारत की सशक्त सैन्य तैयारी, जिम्मेदार कूटनीति और त्वरित कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।

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