शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या के प्रयास के मामले में 10 चरमपंथियों को मौत की सज़ा सुनाई गई है। इसके अलावा नौ अन्य को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई है। रविवार को ढाका के फास्ट ट्रैक ट्राइब्यूनल की जज मुमताज बेगम ने 17 साल पुराने इस मामले में इन सभी आरोपियों को सजा सुनाई है। इन लोगों ने साल 2000 में गोपालगंज में हसीना के पुश्तैनी गांव के एक मैदान में अति-शक्तिशाली विस्फोटक डिवाइस का इस्तेमाल कर हसीना की हत्या की साजिश रची थी।
जानें पूरा मामला-
20 जुलाई, 2000 को गोपालगंज के कोटालीपाड़ा के एक स्कूल में प्रधानमंत्री शेख हसीना का भाषण होना था। उनके आने की तैयारियों के सिलसिले में एक मंच बनाया गया था।
इसी मंच के निर्माण के दौरान वहां से 76 किलो विस्फोटक बरामदगी किया गया। इसके अगले दिन कोटालीपाड़ा में प्रधानमंत्री के लिए बनाए गए हैलीपैड से 80 किलो विस्फोटक बरामद किया गया।
इस दिन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक कॉलेज ग्राउंड में एक रैली को भी संबोधित करना था। कोटालीपाड़ा पुलिस थाने ने विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। जांच के बाद 8 अप्रैल, 2001 को सीआईडी की क्राइम ब्रांच ने दस लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट फाइल की। इनमें हरकत-उल-जिहाद से जुड़े मुफ्ती अब्दुल हन्नान भी एक थे। 2010 में ये मामला गोपालगंज कोर्ट से ढाका की फास्ट ट्रैक ट्राइब्यूनल को भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इस मामले के एक अभियुक्त प्रतिबंधित संगठन ‘हरकत-उल-जिहाद’ सरगना मुफ्ती अब्दुल हन्नान को एक अन्य मामले में पहले ही मौत की सजा दी जा चुकी है, इसलिए उनका नाम इस केस से हटा दिया गया था।