ब्यूरो,
आज पम्पोर घटना में अपना मौन तोड़ते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पड़ोसी देश भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने घोषणा की कि आतंकवादी हमले से निपटने में किसी खामी का पता लगाने के लिए एक समिति पम्पोर भेजी जाएगी। आपको बता दें कि हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान मारे गए थे।
गृह मंत्री ने शनिवार के आतंकवादी हमले में दो आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘मैंने गृह सचिव से कहा है कि पम्पोर में दो सदस्यीय समिति भेजी जाए जो खामी का पता लगाये ताकि भविष्य में हम इसे ठीक कर सकें और इस तरह की घटनाओं में हमारे जवान शहीद नहीं हों।’ उन्होंने कहा, ‘मैं अपने सुरक्षाकर्मियों की बहादुरी की प्रशंसा करना चाहता हूं। मैं उनके साहस की प्रशंसा करता हूं। आतंकवादियों ने छलपूर्वक उन पर हमला किया। लेकिन हमारे सुरक्षाकर्मियों ने इन दो आतंकवादियों का सफलतापूर्वक खात्मा कर दिया।’ वह यहां सिख योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर के 300वें शहीदी दिवस पर एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गृह मंत्री ने कहा कि देश को अस्थिर करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ भारतीय युवकों को खड़ा होना चाहिए तभी स्थिति मजबूत होगी। सिंह ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘ये आतंकवादी और हमारा पड़ोसी देश भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं भारतीय युवकों से अपील करता हूं कि इस तरह के बलों का सामना करें और हमें अपने सुरक्षाकर्मियों की बहादुरी का स्वागत करना चाहिए।’ गृह मंत्री ने कहा, ‘भारत उन सुरक्षा बलों को नहीं भूल सकता जो शहीद होते हैं। वे अब हमारे साथ नहीं हैं और हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’
हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों पर हुए सबसे घातक हमले में कल सीआरपीएफ के आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए और 21 अन्य जख्मी हो गए। कश्मीर के पम्पोर में सीआरपीएफ के एक बस पर हमला कर आतंकवादियों ने जवानों की हत्या कर दी। मंत्री ने कहा कि वर्तमान चुनौती का सामना करने के लिए देश को साहसी लोगों की जरूरत है। लगातार देश में हो आतंकी हमलों से केंद्र की मोदी सरकार दबाव में है क्योंकि लगातार पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नही आ रहा है ।