अमित द्विवेदी,
चीन और कुछ अन्य देशों के विरोध के चलते भारत को एनएसजी में सदस्य तो नहीं मिली लेकिन आज भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का पूर्ण सदस्य बन जाएगा। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हमने पिछले साल ही सदस्यता के लिए आवेदन किया था और औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर आज एमटीसीआर के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे। बता दें कि एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत का सबसे अधिक विरोध करने वाला देश चीन इस समूह का हिस्सा नहीं है। मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में कुल 34 सदस्य हैं, जिनमे अब भारत भी शामिल हो जाएगा।
विदेश सचिव एस जयशंकर फ्रांस, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में एमटीसीआर में शामिल होने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे। गौरतलब है कि है कि चीन जिसने हाल में संपन्न 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की पूर्ण सत्र की बैठक में भारत के प्रवेश की राह में रोड़ा अटकाया, वह 34 सदस्यीय एमटीसीआर का सदस्य नहीं है।
पिछले साल एमटीसीआर में भारत को शामिल किए जाने का इटली ने भारी विरोध किया था, किनकी मरीन विवाद की वजह से इटली भारत से नाराज़ था लेकिन अब जब उन दो मरीनों को उनके देश वापस जाने की अनुमति मिलने के बाद इनके रुख नरम हुए हैं। एमटीसीआर समूह पारंपरिक, परमाणु, जैविक और रासायनिक हथियारों और प्रौद्योगिकी का नियमन करते हैं।