शुक्रवार को वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने पनामा पेपर्स मामले में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच में देश की खुफिया एजेंसियों के हिस्सा बनने की आलोचना की। इसी दौरान शरीफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जनादेश का सम्मान नहीं किया गया, तो पाकिस्तान 1971 की तरह टूट जाएगा। शरीफ ने यह आशंका लाहौर हाईकोर्ट के उस फैसले के एक दिन बाद जताई है, जिसमें शरीफ और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से न्यायपालिका विरोधी टिप्पणियों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
नवाज शरीफ ने आगे कहा, ” मैं पाकिस्तान में लोकतंत्र की सर्वोच्चता की लड़ाई लड़ रहा हूँ और मैं तब तक चैन से नहीं बैठूँगा जब तक आवाम की मदद से अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लूँ। लोकतंत्र के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की स्थिति वैश्विक बहिष्कार वाली हो सकती है। ऐसे हालात में देश फिर बंट सकता है।
नवाज शरीफ ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार आइएसआइ और मिलिट्री इंटेलीजेंस के प्रतिनिधियों को ऐसे मामले की जांच के लिए ज्वाइंट इंवेस्टीगेशन एजेंसी का हिस्सा बनाया गया, जो न तो आतंकवाद से जुड़ा था और न ही उसका राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई लेना-देना था। देश के 70 वर्षों के इतिहास में सभी 18 प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल पूरा किए बिना ही घर भेज दिया गया।
विदेशी मामलों के जानकार कमर आगा ने एक अख़बार से बातचीत के दौरान इस विषय में पूछे जाने पर बताया कि नवाज़ के बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। नवाज शरीफ ये बातें इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अमेरिका लगातार पाकिस्तान को चेतावनी दे रहा है। जबकि, पाकिस्तान उसकी अनदेखी कर चीन से अपने संबंध बढ़ा रहा है।
आगा के अनुसार अमेरिकी से फंडिंग बंद होने के बाद चीन पाकिस्तान को फंडिंग मुहैया करा रहा है। चीन दरअसल इसमें केवल अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। वो चाहता है कि अफगानिस्तान में तालिबान और मजबूत हो और इसके लिए उसने पाकिस्तान को मोहरा बनाया है। अब अगर अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रति और सख्ती बरती और ब्लूचिस्तान में जिस तरह का पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है उसे हवा दी, पाकिस्तान टूट सकता है।
कमर आगा के अनुसार चीन पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट बना रहा है। इसके साथ ही गुलाम कश्मीर से होते हुए आर्थिक गलियारे का भी निर्माण कर रहा है। आगा का मानना है कि पाकिस्तान ठीक नॉर्थ कोरिया की राह पर चल रहा है। ऐसे में जिस तरह से लगातार ब्लूचिस्तान में राष्ट्रवादी प्रदर्शन और अलग देश की मांग हो रही है उसे देखते हुए आनेवाले दिनों में वहां पर अमेरिकी हितों का टकराव निश्चित है।
कमर आगा का मानना है कि पनामा पेपर लीक मामले में फंसे नवाज शरीफ की आज जो स्थित हुई है, उसके लिए कहीं ना कहीं सेना जिम्मेदारी है। सेना का पाकिस्तान की न्यायपालिका पर गहरा वर्चस्व है। जैसा पाकिस्तान की सेना चाहती है, वहां की न्यायपालिका वैसा ही करती है। कमर आगा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनज़ीर भुट्टो की ही तरह मजबूत लोकतंत्र के पक्षधर हैं। आगा के अनुसार जिस रैली में बेनजीर को मौत के घाट उतारा गया था, उसी रैली में बेनजीर ने कहा था कि वो दोबारा सत्ता में आती हैं, तो आर्मी को बैरक में भेज देंगी, जिसके बाद बेनजीर का क्या हाल हुआ दुनिया ने देखा। ऐसे में नवाज की बातों को हल्के में नहीं लिया जा सकता।