कोमल झा|Navpravah.com
पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान की सूफी दरगाह में गुरुवार (5 अक्टूबर) को एक फिदायीन हमलावर ने खुद को उड़ा लिया जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 24 अन्य जख्मी हो गए. बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता अनवारुल हक काकर ने कहा कि यह एक आत्मघाती हमला था। प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “दरगाह में हमले के समय उर्स चल रहा था.”
सूत्रों के मुताबिक, कि बलूचिस्तान के झाल मगसी जिले में स्थित दरगाह फतेहपुर में हमलावर ने घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जब फिदायीन को मुख्य द्वार पर रोका तो उसने खुद को उड़ा लिया. काकर ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की और कहा कि दरगाह में फिदायीन को घुसने से रोकने की कोशिश में एक पुलिस कांस्टेबल भी मारा गया है.
बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर सरफराज बुग्ती ने मीडिया से कहा कि अबतक यह एक फिदायीन हमला लगता है. उन्होंने कहा, ‘तहकीकात अब भी चल रही है और घायलों को झाल मगसी के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.’ बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता अनवर-उल-हक काकर ने फिदायीन हमले की पुष्टि की. शुरुआती जांच में सामने आया है कि विस्फोट उस वक्त हुआ जब दरगाह परिसर में सूफी कार्यक्रम चल रहा था.
विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर पहुंच कर इलाके को घेर लिया. स्थानीय प्रशासन ने सिब्बी और डेरा मुराद जमाली के अस्पतालों में आपातकाल की घोषणा की है. दरगाह शहर से चार किलोमीटर दूर स्थित है. इससे पहले नवम्बर 2016 में, बलूचिस्तान के लास्बेला जिले में हब के पास शाह नूरानी दरगाह में एक आत्मघाती विस्फोट में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 52 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे.