शिखा पाण्डेय,
अफगानिस्तान में आज काबुल-कंधार हाईवे पर एक फ्यूल टैंकर पैसेंजर बस से टकरा गया। इस हादसे के तुरंत बाद आग लग गई। इस दुर्घटना में 36 लोगों की मौत हो गई और 28 लोग घायल हो गए। जाबुल पुलिस के डिप्टी चीफ गुलाम जिलानी फाराही के अनुसार हादसे के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है।
एक ओर पुलिस का कहना है कि जिस जगह ये हादसा हुआ वहां के कुछ इलाके आतंकियों के कब्जे में आते हैं। इसलिए बस ड्राइवर यहां से स्पीड में रहते हैं ताकि जल्दी से इस इलाके से बाहर निकल जाएं। इसी वजह से ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।
दूसरी और लोकल मीडिया का कहना है कि अफगानिस्तान के इस इलाके में रोड बेहद खराब हैं। यहां ज्यादातर लोग ट्रैफिक रूल्स भी नहीं मानते।
साथ ही लोग यहां पुरानी और जर्जर गाड़ियों से ट्रेवल करने को मजबूर हैं।
सूत्रों के अनुसार इन सडकों की मरम्मत करने के लिए वर्ल्ड बैंक करोड़ों रुपयों का फंड दे चुका है। पिछले साल नवंबर में वर्ल्ड बैंक ने अफगानिस्तान को रोड ठीक करने के लिए 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा दिए थे। इन रुपयों से हिंदू कुश पहाड़ी इलाके में रोड तैयार करने थे। ये रोड सर्दियों में बर्फ गिरने के कारण बंद कर दिए जाते हैं, जबकि ये बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है।
आपको बता दें कि इस हाईवे पर पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं। मई महीने में भी दो बसों और ऑयल टैंकर में भिड़ंत हुई थी। इसमें 73 लोगों की मौत हुई थी। अप्रैल 2013 में बस एक फ्यूल टैंकर से टकरा गई थी, जिससे 45 लोग मारे गए थे।