शिखा पाण्डेय,
ब्रिक्स के सदस्य देशों ने आतंकवाद को समूल नष्ट करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में सख्त कानूनी ढांचे की मांग की है। सदस्य देशों ने भारत के उरी में हुए आतंकवादी हमले सहित सभी हालिया आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की और इस बुराई के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वार्ताओं में तेजी लाने का आह्वान किया है।
सभी ब्रिक्स देशों ने न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र से इतर कल आयोजित एक बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कई क्षेत्रों में जारी संघर्ष आतंकवादी गतिविधियों के लिए माकूल जगह मुहैया कराते हैं। ब्रिक्स नेताओं ने ‘कम्प्रीहेन्सिव कन्वेन्शन अगेन्स्ट टेरॅरिज्म’ पर वार्ताओं का जल्द कोई निष्कर्ष निकाले जाने का आह्वान किया।
भारत के विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर,रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, ब्राजील के विदेश मंत्री जोस सेरा, चीन के वांग यी और दक्षिण अफ्रीका के मेते अंकोना-माशाबेन ने बार बार आतंकवाद की कड़ी निंदा की। बैठक के बाद जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया, “सभी ब्रिक्स सदस्य भारत में हुए आतंकवादी हमले सहित ब्रिक्स के कुछ सदस्य देशों के खिलाफ हुए हालिया कई हमलों की कड़ी निंदा करते हैं।”
ब्रिक्स देशों के विदेश मामलों के इन मंत्रियों की बैठक में दुनिया के आर्थिक विकास के लिए सामूहिक कार्रवाई किए जाने के आह्वान के अलावा संयुक्त राष्ट्र को अधिक प्रतिनिधिपरक एवं प्रभावशाली बनाने के मकसद से सुरक्षा परिषद सहित इसमें व्यापक सुधार की जरूरत को भी एक बार फिर दोहराया गया।