अनुज हनुमत,
इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और नामांकन से ठीक पहले आज शाम कोर्ट के एक अहम फैसले ने चुनाव को एक नई दिशा दे दी है। आपको बता दें कि विवि प्रशासन द्वारा छात्र नेता नलिनी मिश्रा सहित दर्जनों छात्र नेताओं को विवि कैम्पस के मुख्य गेट में तालाबंदी के आरोप में निलम्बित कर दिया गया था।
अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार नलिनी मिश्रा ने कोर्ट में निलम्बन रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। छात्र नेता नलिनी मिश्रा ने बताया, ‘कोर्ट ने इस मुद्दे पर अपना फैसला देते हुए विवि प्रशासन को मेरा निलम्बन रद्द करने का आदेश दिया है।’ सूत्रों की मानें तो अगर नलिनी मिश्रा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ती हैं तो अन्य सभी प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आज देर शाम निलम्बन रद्द होने की सूचना मिलते ही नलिनी मिश्रा से जब हमने बात की, तो उन्होंने कहा, ‘ये सत्य की जीत है और मैं तो शुरू से कह रही थी कि विवि प्रशासन ने मुझे गलत सबूतों के आधार पर निलम्बित किया था।’
चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने अभी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। सबसे अहम बात ये है कि नलिनी मिश्रा ABVP की महानगर छात्रा प्रमुख हैं और परिषद की ओर से इस छात्र संघ चुनावों में अध्यक्ष पद की प्रबल उम्मीदवारों में से एक थी। एक बात तो स्पस्ट है कि कोर्ट के फैसले ने छात्र संघ चुनावों में एक बार फिर जान फूंक दी है। कल पर्चा दाखिल करने का अंतिम दिन है और अब देखना होगा की क्या कल नलिनी मिश्रा अध्यक्ष पद के लिये पर्चा दाखिल करेंगी!
वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष पद के प्रबल उम्मीदवार अतुल नारायण सिंह का कहना है कि अगर कोर्ट ने ऐसा निर्णय दिया है तो बहुत अच्छा है, क्योंकि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। हालाँकि इस मुद्दे पर विवि प्रशासन ने अभी किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।