अनुज हनुमत,
इस समय पूरे देश में स्वच्छता अभियान बहुत तेजी से चल रहा है और लोगो के अंदर इसे लेकर जागरूकता भी बढ़ी है। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इसे अपना नैतिक दायित्व मानने से कोसों दूर हैं। लेकिन भारत में कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहाँ स्वच्छता को लेकर आम जनमानस में नैतिक कर्तव्यबोध तो है ही, दूसरा इन्होंने एक ऐसा नायब तरीका भी खोजा है, जिससे इन्हें गंदगी को रोकने में बहुत ज्यादा सफलता भी मिली है।
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर के एक छोटे से रेस्टोरेंट में ऐसी ही एक तस्वीर देखने को मिली, जिसे देखकर आप भी प्रभावित होंगे। यहाँ अधिकांश दुकानों,सरकारी भवनों, ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाकों आदि स्थानों में लोगो ने गंदगी रोकने के लिए भगवान की प्रतिमाएँ व मूर्तियां स्थापित कर रखी हैं, जिसके बाद उस स्थान पर गंदगी रोकने में बहुत सफलता मिली है। उडीसा राज्य में देवी देवताओं के प्रति आम जनमानस की जबरदस्त आस्था है, ऐसे में इन्ही देवी देवताओं की मूर्तियों व प्रतिमायों का प्रयोग गंदगी रोकने में किया जा रहा है।
भुवनेश्वर से कुछ ही किमी. पहले प्रमोद पटनायक एक छोटा सा रेस्टोरेंट चलाते हैं और इनका कहना है कि हमारे यहाँ पूरे देश से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु खाना खाने आते हैं और साथ में यहाँ के स्थानीय लोग भी खाते हैं। ऐसे में हमारी पूरी कोशिश रहती है कि हम बाहरी यात्रियों को अच्छा माहौल दें। इसीलिए हमने अपनी दुकान के नीचे और सीढ़ियों पर भगवान की प्रतिमाएँ स्थापित करा रखी हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति गंदगी न फैला पाये। हम ये तरीका बहुत दिनों से प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि मौजूदा समय में ईश्वर ही है, जिससे सब डरते हैं।
वैसे उडीसा में स्वच्छता अभियान के प्रति लोगो की ये सजगता काबिले तारीफ है और साथ में ऐसा उपाय भी, जिसका प्रयोग करके गंदगी में बड़े पैमाने पर अंकुश लगाया जा रहा है। केंद्र सरकार सहित देश के अधिकांश राज्यों को उड़ीसा जैसे राज्यों से कुछ सीख लेनी चाहिए, जिससे स्वच्छता के प्रति लोगों के नैतिक दायित्व में बढ़ोत्तरी हो सके।