एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मुम्बई के बांद्रा पश्चिम में भारती प्रसार-परिषद द्वारा आयोजित सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन में मुंबई के शिक्षक डॉ. जीतेन्द्र पाण्डेय को ‘भारती युवा साहित्यकार सम्मान’ दिया गया । हम आपको बतादें कि डॉ.जितेंद्र पाण्डेय को यह सम्मान 29 सितंबर को बांद्रा पश्चिम में स्थित स्पास्टिक सोसायटी ऑफ इंडिया के सभागृह में दिया गया । डॉ. जीतेन्द्र की आलोचना पर तीन पुस्तकें भी प्रकाशित हैं ।
‘देखा जब स्वप्न सवेरे’ इनका चर्चित यात्रा संस्मरण है । कई पुस्तकों का श्री पाण्डेय ने संपादन एवं सहलेखन भी किया है । शिक्षा एवं साहित्य में योगदान के लिए इन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं । समारोह के मुख्य अतिथि जकुआर के सीनियर प्रेसिडेंट श्री परवेज़ अमीन थे। सम्माननीय अतिथियों में डॉ. विल्फ्रेड नरोन्हा, पंडित प्रभारंजन पाठक, डॉ. दयानंद तिवारी, श्री सुनील माने, श्री लालचंद तिवारी, श्री हृदयेश मयंक, श्रीमती भारती श्रीवास्तव आदि थे ।
इस अवसर पर श्रीमती पूनम शिंदे की पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया । भारती प्रसार परिषद के मंत्री श्री राम नयन दूबे ने बताया “विगत 44 वर्षों से हमारी संस्था शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित करती आ रही है । इस वर्ष हमने ‘भारती युवा साहित्यकार सम्मान’ की शुरुआत की है । यह हमारी संस्था का सौभाग्य है कि पहला पुरस्कार डॉ. जितेंद्र पाण्डेय जैसे कुशल युवा शब्दकर्मी को दिया गया ।
भारतीय गौरव पुरस्कार साहित्यकार डॉ. चन्द्रकिशोर सिंह को दिया गया जबकि विशिष्ट शिक्षक सम्मान से श्री महेश विश्वकर्मा को सम्मानित किया गया ।
जनवादी कवि श्री हृदयेश मयंक की अध्यक्षता और कवि एवं मंच संचालक श्री सुरेश मिश्रा के ठहाकों से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । बारी – बारी से कई जाने- माने कवियों ने इस कार्यक्रम में अपनी कविताओं से शमा बांधी । आयोजक मण्डल ने सभी आये हुए अतिथियों को पुष्प साल देकर सम्मान के साथ आभार भी व्यक्त किया ।