सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
केरल के कथित ‘लव जिहाद’ मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई हादिया ने अपना बयान दर्ज कराया है, हादिया ने कोर्ट में साफ कहा कि उन्हें आजादी चाहिए और वह अपने पति से मिलना चाहती हैं।
दो घंटे से भी अधिक समय तक चली सुनवाई-
शीर्ष अदालत ने सलेम स्थित होम्योपैथिक कालेज के डीन को हादिया का संरक्षक नियुक्त करने के साथ ही उन्हें किसी भी परेशानी की स्थिति में न्यायालय आने की छूट प्रदान की है। न्यायालय ने कालेज और विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि हादिया को फिर से प्रवेश दिया जाये और उसे छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करायी जाये, हादिया पिछले कई सप्ताह से अपने पिता के घर में रह रही थी।
सुनवाई के दौरान हादिया ने कहा कि वह अपने पति शफी जहां के साथ जाना चाहती है। शीर्ष अदालत हादिया के साथ शफीं की शादी को अमान्य करार देने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शफी की याचिका पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में आगे विचार करेगी।
शफी जहां ने इस हिन्दू युवती से पिछले साल दिसंबर में विवाह किया था, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा इस विवाह को अमान्य घोषित करने के फैसले को चुनौती देते हुये उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की, जिसमें उसने इस निर्णय को देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान बताया था।
इस युवती के पिता अशोकन के. एम. ने आरोप लगाया था कि उसे सीरिया में इस्लामिक स्टेट मिशन द्वारा भर्ती किया गया है, जहां तो सिर्फ एक मोहरा है, उनका यह भी आरोप था कि धर्म परिवर्तन और इस्लामिक कट्टरता के लिये एक ‘सुव्यवस्थित तंत्र’ काम कर रहा है।
वकील नारायणन ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, पुलिस ने कहा है कि उसने कथित धमकियों और अपशब्दों के पीछे के लोगों की पहचान के लिए जांच शुरू की है। नारायणन ने दावा किया कि उन्हें ये संदेश उन लोगों से मिले, जो केरल की महिला हदिया की शादी और विवादित धर्मांतरण के मुद्दे से जुड़े हैं।