एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया है, अदालत के फ़ैसले के बाद ट्रिपल तलाक असंवैधानिक हो गया, लेकिन फिर भी ट्रिपल तलाक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ में सामने आया है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर खालिद बिन युसूफ खान ने व्हाट्सएप पर अपनी पत्नी यास्मीन खालिद तलाक दे दिया है। प्रोफेसर की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ़ की गुहार लगाई है।
यास्मीन ने कहा है कि उनके पति खालिद यूसुफ एएमयू में संस्कृत विभाग के चेयरमैन हैं और बीते 27 सालों से वहां पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि अगर 11 दिसंबर तक मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने तीन बच्चों के साथ मिलकर वीसी के घर के सामने आत्मदाह कर लूंगी। प्रोफेसर की पत्नी की शिकायत पर अलीगढ़ पुलिस ने एक्शन लेते हुए केस दर्ज कर लिया है, जिस शौहर के साथ यास्मीन ने 23 साल गुज़ारे, उसी शौहर ने उम्र की इस दहलीज़ पर रास्ते जुदा कर लिए, एक मिनट में 23 साल के रिश्ते को तोड़ दिया।
यह मामला ज्यादा शर्मनाक इसलिए भी है, क्योंकि यास्मीन के शौहर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर हैं। मान, प्रतिष्ठा वाले व्यक्ति हैं। खालिद एक प्रोफ़ेसर हैं, जिससे उम्मीद है कि उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब पता होगा। लेकिन इस प्रोफेसर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मान न रखते हुए यास्मीन को तीन तलाक दे दिया।
खालिद ने 30 सितंबर को व्हाट्स एप पर तलाक का मैसेज भेजा, फिर महीने भर बाद तीन तलाक की चिट्ठी और फिर 8 नवंबर को यास्मीन के सामने तीन तलाक कहकर रिश्ता ख़त्म कर लिया। यासमीन ने बताया कि मैं इंसाफ के लिए यहां-वहां भटकती रही। लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की, इसके बाद शुक्रवार को मैं पुलिस की मदद से किसी तरह अपने घर में घुसने में कामयाब हुई।