समीक्षा- फ़िल्म फोबिया

निर्माता- विकी रजानी
निर्देशक- पवन कृपलानी
मुख्य कलाकार- राधिका आप्टे, सत्यदीप मिश्र, निवेदिता भट्टाचार्य

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निर्देशक पवन कृपलानी ने ‘रागिनी एमएमएस’ और ‘डर- एट द माल’ जैसी थ्रिलर फिल्म बनाने के बाद साइकोलॉजिकल थ्रिलर ‘फोबिया’ का निर्देशन किया है। आइए जानते हैं क्या है इस फ़िल्म में-

कहानी-

फ़िल्म फोबिया में प्रमुख भूमिका में है राधिका आप्टे, जिन्होंने महक का किरदार निभाया है। महक एग्रो फोबिया से पीड़ित है। महक के साथ एक हादसा होता है, जिसके बाद से वह इतना डर जाती है कि महीनों घर से बाहर ही नहीं निकलती। महक की बड़ी बहन और उसका दोस्त शान (सत्यदीप मिश्र) उसे बहुत समझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह इस डर से खुद को बाहर निकाल ही नहीं पाती। महक की तबियत कुछ ठीक हो, इस कोशिश में शान उसे अपने एक दोस्त के खाली घर में शिफ्ट कर देता है। लेकिन उस घर में महक और ज़्यादा परेशान हो जाती है। इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर फ़िल्म का अंत जानने के लिए आपको सिनेमाघर तक जाना पड़ेगा।

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पटकथा-निर्देशन-

फ़िल्म की विषयवस्तु प्रभावशाली है लेकिन पटकथा पर कुछ ख़ास ध्यान नहीं दिया लेखक विकी राजानी ने। कहानी के कमज़ोर होने की वजह से निर्देशन में भी कुछ ख़ास नहीं कर पाए पवन। फ़िल्म के अंत ने फोबिया को एक चमत्कार की शक्ल दे दी है।

अभिनय-

राधिका आप्टे और सत्यदीप मिश्र फ़िल्म में केंद्रबिंदु रहे हैं। दोनों कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है। एक फोबिया की शिकार मरीज किस तरह का व्यवहार कर सकती है, उसको जिया है राधिका ने। अन्य सह कलाकारों ने भी अच्छा अभिनय किया है।

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