एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर हो रहे विवाद पर आरएसएस अब फिल्म निर्माण के क्षेत्र में आने की तैयारी कर रहा है। संघ का मानना है कि फिल्म समाज का आईना है और सामाजिक बदलाव इसी से लाया जा सकता है।
संघ के मुताबिक फिल्म ही वह सशक्त माध्यम है, जिसके जरिए आज की युवा पीढ़ी में बेहतर सामाजिक मूल्य और संस्कार भी विकसित किए जा सकते हैं, इसलिए अब संघ इस दिशा में बढ़ रहा है। समय-समय पर संघ की तरफ से फिल्मों पर टिप्पणी की जाती रही है, लेकिन इस क्षेत्र में पदार्पण का फैसला पहली बार किया गया है। अब संघ बॉलीवुड में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए आगे आ रहा है।
संघ फिल्म फेस्टिवल का आयोजन करेगा, संघ के इस फिल्म फेस्टिवल में तड़क-भड़क वाली मुंबइया फिल्मों को नहीं, बल्कि संस्कार और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली फिल्मों को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी। इसके लिए संघ ने नंद कुमार को नई जिम्मेदारी दी है, कुमार अभी प्रज्ञा प्रवाह के प्रमुख के रुप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, उनके साथ दिल्ली प्रांत के सह प्रांत संघ चालक आलोक कुमार को बतौर सह संयोजक के रूप में जोड़ा गया है।
इसके अलावा जिन शहरों या प्रांतों में फेस्टिवल का आयोजन होगा, वहां राज्य और स्थानीय समिति बनाई जाएगी, इस तरह का पहला आयोजन दिल्ली में 19 दिसंबर को होगा। इससे पहले संघ की तरफ से इंदौर में एक आयोजन किया गया था, लेकिन वो सफल नही हुआ था, इसलिए अब आयोजन दिल्ली में किया जायेगा।