सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
केंद्र सरकार ने निर्देश दिया है कि एक निश्चित सीमा से अधिक का लेन-देन करने वाले लोगों के मूल पहचान दस्तावेजों का उसकी प्रतियों से मिलान किया जाए, अब सिर्फ उसकी कॉपी से काम नहीं चलेगा। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य जाली या धोखाधड़ी कर बनाए गए दस्तावेजों के इस्तेमाल की संभावना को खत्म करना है।
वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने गजट अधिसूचना जारी कर धनशोधन निरोधक नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के तहत रिपोर्ट करने वाली इकाई को ग्राहकों के दिए गए आधारिक रूप से वैध दस्तावेज की प्रतिलिपि का मूल के साथ मिलान करना होगा।
धनशोधन निरोधक कानून द प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट देश में धनशोधन और कालेधन के सृजन पर अंकुश लगाने का प्रमुख कानूनी ढांचा है। पीएमएलए और इसके नियमों के तहत बैंकों, वित्तीय संस्थानों और अन्य बाजार इकाइयों के लिए अपने ग्राहकों की पहचान का सत्यापन करना, रिकॉर्ड रखना तथा भारत की वित्तीय खुफिया इकाई को सूचना देना जरूरी है।
पीएमएलए के नियम 9 के तहत प्रत्येक रिपोर्टिंग इकाई को किसी के साथ खाता आधारित संबंध शुरू करते समय अपने ग्राहकों और उनकी पहचान का सत्यापन करना आवश्यक है। उन्हें अपने ग्राहकों से कारोबारी संबंध के मकसद और प्रकृति के बारे में भी आवश्यक तौर पर सूचना हासिल करनी होगी।