भारत-कनाडा के रिश्तों में खटास! जानिए इस प्रकरण में अब तक क्या-क्या हुआ

कनाडा की संसद में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रुडो के भारत विरोधी बेतुकी बयानबाजी ने दोनों देशों के सियासी रिश्तों में खटास पैदा कर दी हैं, जहां भारत में कनाडाई प्रधानमंत्री के बयान का विरोध करने के लिए पक्ष विपक्ष दोनों एक साथ दिख रहे हैं वहीं भारत सरकार का रुख भी बिल्कुल साफ दिख रहे हैं. भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा के राजनयिक को बर्खास्त कर दिया साथ ही 5 दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश भी दे दिया हैं।

जानिए अब तक क्या क्या हुआ है इस मामले में।
कहानी की शुरुआत होती हैं पंजाब के जालंधर से जहां के एक भारसिंहपुर गांव का रहने वाला शख्स जिसका नाम हरदीप सिंह निज्जर था जिसके ताल्लुकात प्रतिबंधित संगठन “खालिस्तान” से था एवं सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक उसकी गिनती उच्च के खालिस्तानी कमांडरों में थी। वह साल 1996 में भारत से फरार होकर कनाडा चला गया एवं उसने वहां की नागरिकता ले कर कनाडा के सरे क्षेत्र में रहने लगा साथ ही भारत विरोधी गतिविधियों में भी काफी तत्परता से कार्य करने लगा। निज्जर का नाम भारत में मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में था,भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसे “भगोड़ा” घोषित कर दिया था।18 जून को कनाडा के सरे क्षेत्र के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी।
आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। ट्रूडो के अनुसार निज्जर की हत्या भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा कराई गयी थी।जस्टिन ट्रूडो के भारत पर इस तरह के आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सियासी खटास बढती दिख रही है।

आइए जानते हैं प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोप लगाने से लेकर अबतक इस विवाद ने क्या-क्या रूप लिया है।हरदीप सिंह निज्जर

1.सोमवार को कनाडा की संसद में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हरदीप सिंह निज्जर जो कि एक कनाडाई नागरिक थे एवं “खालिस्तान” नामक एक स्वतंत्र सिख देश के निर्माण के लिए संगठित शांतिपूर्ण अभियान चला रहे थे वह एक सिख अलगाववादी नेता थे। जिनकी हत्या जून में कर दी गई थी। फिर मंगलवार को भारत पर इल्ज़ाम लगाते हुए प्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि जून में हुई इस हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। साथ ही उन्होंने धमकी भरे लफ्जों में भारत पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि कनाडा सरकार इस हत्याकांड में किसी अन्य देशों की संलिप्तता को बर्दाश्त नहीं करेगी।

2.प्रधानमंत्री ट्रूडो के इस बेतुके बयान के बाद दोनों देशों के राजनीतिक संबंध में दरार आने शुरू हो गयें। भारत ने पहले तो पीएम ट्रूडो के बयान का खंडन किया साथ ही अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। वहीं कनाडा में मौजूद भारत के राजनायिक को निष्कासित कर दिया भारत ने भी जैसे को तैसा वाले लहज़े में भारत में मौजूद कनाडा के राजनायिक को फौरन तलब किया एवं बर्खास्त करते हुए 5 दिनों के भीतर भारत छोड़कर जाने का आदेश दे दिया हैं।

3.इस विवाद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक राजनीतिक असमंजस बढ़ा दी। दुनिया भर के नेताओं ने इस विवाद पर अपनी चिंता प्रकट की हैं।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मुद्दे को लेकर अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन बेहद चिंतित हैं एवं चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह विवाद सुलझ जाए एवं दोनों देशों के मध्य एक खुशहाल एवं स्थिरता युक्त संबंध स्थापित हो जाए।
वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन के प्रवक्ता ने कहा कि वो नई दिल्ली के साथ अपनी व्यापार वार्ता को जारी रखेंगे संग ही उन्होंने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘गंभीर’ बताया और कहा कि हम कनाडा के साथ इस मामले को लेकर संपर्क बनाए हुए हैं।

4.पीएम जस्टिन ट्रूडो के कनाडा संसद में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने के बाद निज्जर के परिजन के बयान भी सामने आये। हरदीप सिंह निज्जर का बेटा जिसका नाम बलराज निज्जर है उसने कहा कि उनका परिवार पीएम जस्टिन ट्रूडो का आभारी हैं कि उन्होंने तीन महीने बाद ही सही मगर इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया हम इस चीज के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो को धन्यवाद देते हैं।

5. वहीं इस विवाद को लेकर भारत में भी पक्ष-विपक्ष एकसाथ खङे नजर आए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस का हमेशा मानना रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे देश की लड़ाई सदैव समझौता रहित होनी चाहिए, खासकर जब आतंकवाद भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए सबसे बड़ा खतरा हो।

6. वहीं बुधवार को इस पूरी दुनिया में आतंक के पनहगार से प्रसिद्ध पाकिस्तान भी कूद गया हैं एवं
भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच से प्रोपेगैंडा फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. पाकिस्तान के विदेश सचिव ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा है कि कनाडा ने भारत पर जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर पाकिस्तान को बिल्कुल भी कोई हैरानी नहीं है.वहीं पाकिस्तान के एक शीर्ष राजनयिक ने इस मामले में कुलभूषण यादव का उदाहरण पेश करते हुए कि ‘कनाडा में भारत का आतंकवाद पाकिस्तान के लिए आश्चर्य की बात नहीं है.’
वहीं मंगलवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी भारत के खिलाफ आग उगलते हुए अपने प्रोपोगंडा में कहा कि “उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह स्वीकार करने का आग्रह किया था कि भारत एक दुष्ट, हिंदुत्व और आतंकवादी देश है.’

इन विवादों की बीच अब यह भी सोचने वाली बात हैं कि इसका भारत – कनाडा के व्यापारिक रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा, एक गणना के अनुसार अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक कनाडा ने भारत में लगभग 3,306 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। कनाडा भारत में 17वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। कनाडा में भारत से पढ़ने जाने वाले बच्चों की संख्या 2022 में लगभग 320,000 थी, जो कुल विदेशी छात्रों का लगभग 40% है।
कनाडा में पंजाबी तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है. कनाडा की कुल आबादी में 1.3 फ़ीसदी लोग पंजाबी समझते और बोलते हैं.वहां रह रहे भारतीय मूल के लोगों की संख्या तकरीबन 14 से 18 लाख हैं। पंजाब के अलावा सबसे ज्यादा सिख पंथ के लोगों कनाडा में रहते हैं।

आंकङों के अनुसार कनाडा की कुल आबादी तकरीबन 3 करोड़ 82 लाख है। इनमें 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं।

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