G-20: वैश्विक पटल पर छाया रहा ‘भारत’

Amit Dwivedi | navpravah.com
G20 के आयोजन को लेकर भारत ने जिस तरह की कुशलता, कूटनीति, वैश्विक दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है, वह अपने आप में एक अदम्य साहस का उदाहरण है। इसकी गूंज से आज सम्पूर्ण विश्व अचंभित है।
भारत ने न केवल G20 का भव्य और विशाल आयोजन किया है, बल्कि G20 देशों को भी इस बात का अहसास भी कराया है कि वैश्विक मञ्च का उपयोग केवल संवाद के लिए ही नहीं होता है। इस मञ्च से ही भारत ने नागरिक सम्मान सुरक्षा एवं आत्मबल के उत्थान के लिए भी अपनी बात प्रमुखता से रखी।
इस बार का G-20 समिट अब तक का सबसे सफल समिट भी बन गया है। इसमें पिछले समिट की तुलना में सबसे ज्यादा काम हुआ। भारत द्वारा आयोजित इस समिट के पहले दिन कुल 73 मुद्दों पर चर्चा के बाद सहमति बनी, जबकि पिछले साल इसी समिट में सिर्फ 27 मुद्दों पर ही सहमति बन सकी थी। वर्ष 2021 में 36, 2020 में 22, 2019 में 13, 2018 में 12 और 2017 में जब जर्मनी में G-20 का समिट हुआ था, तब सिर्फ 8 मुद्दों पर ही चर्चा के बाद सहमति बनी थी। भारत ने इस बार के समिट में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 73 मुद्दों पर चर्चा की और इस पर सभी देशों के नेताओं के बीच इन पर सहमति भी बनी।
वर्तमान में नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के आयोजन से भारत का कद राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ना तय है। भारत अपने विभिन्न आयामों में प्रगति की दौड़ में आगे बढ़ रहा है। पहले भारत की नज़र विश्व के दूसरे विकसित देशों के निर्णयों पर रहती थी लेकिन आज संपूर्ण विश्व भारत की ओर टकटकी लगाए देख रही है और भारत संपूर्ण विश्व का प्रतिनिधित्व करता नज़र आ रहा है। आज भारतीय नेतृत्व की साख को कहीं अधिक गंभीरता से लिया जा रहा है और अधिकांश राष्ट्र नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाकर हाथ मिला कर चलना चाह रही हैं।
बीते वर्षों में आंतरिक सुरक्षा पूर्व सरकार के लिए एक कड़ी चुनौती थी। वर्तमान सरकार में इसमें बेहतरीन सुधार हुआ है। कई महत्वपूर्ण लेकिन अशांत क्षेत्रों में शांति बहाल करने की कवायद संग अंजाम तक भी भेजा गया है। आतंकी हमलों के संग ही आतंकवाद पर व्यापक अंकुश लगाया गया है। अंदरुनी आतंकी गतिविधियों पर शिकंजा कस बाहरी आतंकियों के लिए भी एक सबक स्थापित किया आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35-ए से मुक्ति दिलाना वर्तमान सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही। स्वतंत्रता के बाद से कश्मीर घाटी में बनी यथास्थिति भारत के लिए भारी पड़ती जा रही थी। इसके बाद भी भारत ने न केवल सतत एवं समावेशी विकास को प्राथमिकता दी, बल्कि लैंगिक समानता जैसे विषयों को भी महत्व दिया।
वर्तमान सरकार ने देश के अनेक हिस्सों में जी-20 के विभिन्न समूहों की बैठकें आयोजित कर विश्व को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता से भी परिचित कराया।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भारत ने चंद्रयान 3 को चंद्रमा के कक्ष में स्थापित किया, जिससे दुनिया के कई बड़े और कहीं अधिक उन्नत देश इससे चकित हैं कि भारत ने तकनीक का किस तरह बड़े पैमाने पर उपयोग कर अपने लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के साथ उनके जीवन को आसान बनाया।
खैर जो भी हो, G20 का आयोजन भारत में होना इतिहास का वह पल है, जिसने भारत की नेतृत्व क्षमता और सांस्कृतिक विरासत को विश्व के सामने सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया है।

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