सौम्या केसरवानी,
उरी हमले के बाद भले ही भारत ने पाकिस्तान पर किसी प्रकार की कोई सैन्य कार्रवाई न की हो, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए कड़े क़दमों के बाद से पूरी दुनिया में पाकिस्तान के लिए रवैया बदल गया है।
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने पाकिस्तान के रुख की आलोचना की है। जिसमें उसने लिखा है कि पाकिस्तान लम्बे समय तक भारत के संयम को हल्के में नहीं ले सकता है। यदि पाकिस्तान मोदी के सहयोग के प्रस्ताव को नकारता है, तो वह पूरी दुनिया में एक अछूत देश बन जायेगा।
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने यह भी लिखा है कि नरेंद्र मोदी फ़िलहाल संयम बरत रहे हैं। अगर पाकिस्तान मोदी के प्रस्ताव को ख़ारिज करेगा तो पहले से अछूत देश और अछूत हो जायेगा। अख़बार ने कहा है कि सीमा पार पाकिस्तान से भारत में हथियार और आतंकवादी भेजता रहेगा तो पीएम मोदी की कार्रवाई न्यायसंगत होगी।
आतंकवाद के मुद्दे पर नैतिकतापूर्ण व्यवहार करने के चलते भारत का सम्मानजनक दर्जा है। लेकिन पूर्व की सरकारों में इसे स्पष्ट रूप से दिखाने का साहस नहीं था।
समाचार पत्र ने कोई भी सैन्य कार्रवाई न करने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की है। अख़बार ने कहा है कि हालाँकि, भारत ने सैन्य कार्रवाई नहीं की है। लेकिन भारत पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए संकल्पित है। 1960 में हुए सिन्धु जल समझौते को भी भारत रद्द कर सकता है। साथ ही पाकिस्तान से व्यापार में सबसे तरजीह राष्ट्र का दर्जा भी छीन सकता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान को 1966 में यह दर्जा मिला था, जिसका प्रतिफल उसने आज तक नहीं दिया है।