एनएसजी सदस्यता को लेकर उठापटक, फ्रांस भी आया भारत के साथ

अमित द्विवेदी,
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के विषय में फ्रांस ने आज भारत का ज़ोरदार समर्थन करते हुए कहा कि इससे परमाणु प्रसार के खिलाफ वैश्विक प्रयास मजबूत होंगे। फ्रांस के अनुसार सदस्य देशों को सियोल में होने वाले पूर्ण अधिवेशन में भारत के लिए सकारात्मक फैसला लेना चाहिए।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “फ्रांस मानता है कि चार बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं, एनएसजी, एमटीसीआर, द ऑस्ट्रेलिया ग्रुप तथा द वासेनार अरेंजमेंट में भारत का प्रवेश परमाणु प्रसार से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करेगा। एनएसजी में पूर्ण रुपेण सदस्य के तौर पर भारत के प्रवेश के सक्रिय और दीर्घकालिक समर्थन की दिशा में फ्रांस सियोल में 23 जून को मिल रहे इसके सदस्यों से सकारात्मक निर्णय लेने का आह्वान करेगा।” बयान में यह भी उल्लेख है कि 1998 से रणनीतिक साझेदार फ्रांस और भारत जनसंहार के हथियारों के अप्रसार और उनकी आपूर्ति व्यवस्था के संबंध में समान लक्ष्य साझा करते हैं।
परमाणु प्रसार रोकने में सहायक होगा भारत – फ्रांस
48 सदस्यीय एनएसजी के प्रमुख सदस्य देश फ्रांस ने कहा कि परमाणु नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की सहभागिता संवेदनशील वस्तुओं के निर्यात को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद करेगी, चाहे वे परमाणविक हों, रासायनिक हों, जैविक हों, बैलिस्टिक हों या परंपरागत सामग्री और प्रौद्योगिकी हों।
इससे पहले अमेरिका ने कल एक बयान में कहा था कि भारत एनएसजी की सदस्यता के लिए तैयार है। अमेरिका ने सहभागी सरकारों से कल सियोल में शुरु हो रहे एनएसजी के पूर्ण सत्र में भारत के आवेदन का समर्थन करने को कहा था।

उधर चीन भारत के प्रवेश पर अपना विरोध बरकरार रखे हुए है। उसका तर्क है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, हालांकि चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि भारत को एनएसजी द्वारा किसी तरह की छूट मिलने की स्थिति में उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान को भी सदस्यता दी जाए।

भारत ने कहा है कि एनएसजी में शामिल होने के लिए एनपीटी पर हस्ताक्षर करना अनिवार्यता नहीं है। इस संबंध में भारत ने फ्रांस के मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि पहले भी इस तरह के उदाहरण रहे हैं। अब स्वयं फ्रांस की ओर से सकारात्मक परिणाम मिलने और फ्रांस द्वारा भारत की एनएसजी सदस्यता के विषय में सियोल में पूर्ण समर्थन देने के वायदे से भारत की दावेदारी और अधिक पक्की हो गई है।

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