अमित द्विवेदी,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उजबेकिस्तान के ताशकंद में गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से संभावित मुलाक़ात को एनएसजी सदस्यता से जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से उसकी आपत्तियों पर चर्चा कर सकते हैं। इसलिए दोनों नेताओं की होने वाली इस मुलाक़ात पर सभी की निगाहें तिकी हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सालाना शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ताशकंद रवाना हो गए, जहां पूर्ण सदस्य के तौर पर पाकिस्तान के साथ भारत के इसमें शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होगी। मोदी और जिनपिंग की बैठक होगी, कयास लगाया जा रहा हैं कि प्रधानमंत्री इस बैठक के दौरान एनएसजी के उसके विरोध को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं।
सियोल में आज परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का वार्षिक पूर्ण अधिवेशन होगा जिसमें विशिष्ट परमाणु कारोबार क्लब की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन पर चर्चा होने की सम्भावना है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर अपनी यात्रा की जानकारी साझा की, उन्होंने लिखा, ‘मैं एससीओ सम्मेलन में भाग लेने और एससीओ राष्ट्रों के नेताओं से वार्ता करने के लिए संक्षिप्त यात्रा पर उज्बेकिस्तान जा रहा हूँ।’ उन्होंने कहा, ‘भारत एससीओ का सदस्य बनकर खुश होगा और एससीओ के जरिए विशेष आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में सार्थक परिणामों की उम्मीद कर रहा है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ संबंधों को बहुत महत्व देता है और क्षेत्र के साथ आर्थिक एवं लोगों के आपसी संबंध मजबूत करना चाहता है। अंतर्राष्ट्रीय सियासी हलके में मोदी की उज़्बेकिस्तान यात्रा की वजह से माहौल गर्म है। सबकी निगाहें फिलहाल एनएसजी में भारत की सदस्यता पर टिकी हुई है।