नीतीश मिश्र | navpravah.com
नई दिल्ली | “पलायन रोको, नौकरी दो” को लेकर कांग्रेस नेता एवं जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। बीते मंगलवार (25 मार्च, 2025) की देर रात वे सहरसा के बनगांव पहुंचे थे। बनगांव स्थित भगवती स्थान दुर्गा मंदिर के प्रांगण में उन्होंने एक सभा को संबोधित किया, जहां स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक पाग, चादर और माला पहनाकर कन्हैया कुमार का स्वागत किया। जब गांव के कुछ युवकों को यह पता चला तो अगले दिन (बुधवार) उन्होंने न सिर्फ भाषण स्थल को बल्कि पूरे मंदिर प्रांगण को गंगाजल से धोया।
नगर पंचायत बनगांव वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अमित चौधरी की अगुआई में विष्णु, माखन, आनंद, सूरज, सरोज और बादल नाम के युवकों ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार द्वारा देश के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी के चलते ऐसा किया। इन युवाओं ने कहा कि कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप लग चुका है। वे लगातार देश और धार्मिक मुद्दों को लेकर विवादित बयान देते रहते हैं।
वहीं वार्ड पार्षद अमित चौधरी ने कहा कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने देश विरोधी नारे लगाकर भारत के संप्रभुता और संस्कृति का अपमान किया। उनके द्वारा मंगलवार की रात बनगांव में भगवती स्थान परिसर में सभा को संबोधित किया गया। जबकि भगवती स्थान बनगांव धार्मिक आस्था का प्रतीक है, हम सभी इसे पवित्र बनाए रखना चाहते हैं। इस घटनाक्रम के बाद चुनावी हलचल काफी तेज हो गई हैं और यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है।
कन्हैया कुमार ने कोसी प्राधिकार, मखाना किसानों, मधुबनी पेंटिंग कलाकारों एवं शिक्षा के अभाव का मुद्दा कन्हैया ने कहा कि मंडन मिश्र की गौरवशाली धरती का वर्तमान इतना विकट क्यों है। इस पर विचार करने की आवश्यकता है।कन्हैया कुमार ने कहा कि एकतरफ लोग बाढ़ से परेशान हैं, दूसरी तरफ बाढ़ के कारण आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं हो रहा है। खासकर शिक्षा की सुविधा का बेहद अभाव है। प्राधिकार के प्रावधान के अनुसार पीड़ित लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
कन्हैया ने कहा कि दुनिया का 90 प्रतिशत मखाना उत्पादन करने वाले इस क्षेत्र के मखाना किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। फलस्वरूप यह सुपर फूड तो बना, परंतु इसका लाभ किसान के बदले बिचौलिया ले रहे हैं। यही हाल मधुबनी पेंटिग्स का है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि यात्रा के क्रम में बिहार के इन मुद्दों को उठा सकें।
कन्हैया कुमार ने कहा कि सहरसा शहर के बीच में ही रेलवे फाटक है, जिसके कारण दिनभर जाम की समस्या रहती है। पता चला कि आरओबी के लिए कई बार शिलान्यास भी हुआ, लेकिन दरभंगा एम्स की तरह बनने से पहले वाहवाही की होड़ लगी हुई है।
राजनीति में जो नाकारात्मक विमर्श की प्रवृति बढ़ रही है, उसे साकारात्मक बनाने की जरूरत है। हमारा प्रयास है कि हर दल, गठबंधन के लोग पलायन की समस्या रोकने के लिए एजेंडा बनाए।
कुछ स्थानीय ग्रामीणों का यह भी कहना हैं कि जिस जेएनयू में इसके वामी भाई बंधु “ब्राह्मणवाद से आजादी” के नारे लगाते नहीं थकते हैं, वह ब्राह्मणों का हितैषी कैसे हो सकता हैं ?