नृपेन्द्र कुमार मौर्य| navpravah.com
नई दिल्ली | अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी लगभग तय मानी जा रही है। रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने 294 इलेक्टोरल वोट हासिल किए हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंदी, मौजूदा उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस, 226 इलेक्टोरल वोटों पर अटकी हुई हैं। हालाँकि, वोटों की गिनती अभी जारी है, लेकिन संकेत स्पष्ट हैं कि जनवरी में ट्रंप फिर से राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
भारत के लिए सकारात्मक, पड़ोसी मुल्कों में हड़कंप
ट्रंप की वापसी को भारत के हित में माना जा रहा है, लेकिन इसके उलट, बांग्लादेश में इस पर विपरीत असर देखा जा रहा है। पिछले अगस्त में शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी, और इसके बाद मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली थी। माना जा रहा था कि हसीना सरकार के तख्तापलट में अमेरिकी समर्थन था।
लेकिन अब ट्रंप के सत्ता में आने से यूनुस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि पूर्व में ट्रंप और यूनुस के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में मोहम्मद यूनुस से उनकी दूरी जगजाहिर थी, और यह समझा जा रहा है कि बाइडेन प्रशासन द्वारा मिले समर्थन की कमी यूनुस के लिए चुनौती बन सकती है।
ट्रंप और यूनुस के पुराने मतभेद
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2016 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद जब बांग्लादेश का एक डेलिगेशन व्हाइट हाउस में उनसे मिला था, तो ट्रंप ने यूनुस का नाम लेकर तीखे सवाल किए थे। ट्रंप ने उस समय नाराजगी जताते हुए कहा था कि उन्होंने सुना है यूनुस ने उनकी हार के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के क्लिंटन फाउंडेशन को डोनेशन दिया था।
यूनुस और क्लिंटन फाउंडेशन का संबंध
माइक्रो फाइनेंसिंग के क्षेत्र में बांग्लादेश में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले मोहम्मद यूनुस ने 2016 में क्लिंटन फाउंडेशन को 1 से 2.5 लाख डॉलर का योगदान दिया था। उसी साल हिलेरी क्लिंटन ने उन दानकर्ताओं से मुलाकात की थी जो उनके चुनाव अभियान में समर्थन दे रहे थे। यूनुस, जो बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक के प्रमुख रहे हैं, को 2006 में माइक्रो फाइनेंस में उनके कार्यों के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
ट्रंप की वापसी और बांग्लादेश-अमेरिका संबंधों का भविष्य
ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद यह देखा जाना बाकी है कि बांग्लादेश और अमेरिका के संबंधों में क्या बदलाव आता है, लेकिन यह तय है कि यूनुस के लिए यह नया राजनीतिक समीकरण चुनौतीपूर्ण हो सकता है।