आनंद द्विवेदी,
आतंक और आतंकवादियों का ड्रीमलैंड माने जाने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर दुनिया को ये बता दिया है कि मासूम बच्चों के स्कूल में क़त्ल किये जाने जैसी भयानक घटना से उसके नापाक मंसूबों को कोई फ़र्क नहीं पड़ता। वो ऐसे ही आतंकवादियों को शरण, सामर्थ्य, सहानुभूति प्रदान करते रहेंगे। लश्कर,हिज्बुल जैसे न जाने कितने ही आतंकी संगठनों की ख़ाबगाह पाकिस्तान बना हुआ है।
आतंकवादियों से पाकिस्तानी प्रेम जगजाहिर है। कल ही यूएन जनरल एसेम्बली में पाक राजदूत ने अपने आतंक प्रेम का रोना रोया था और बुरहान वानी के समर्थन में भारत पर संगीन आरोप लगाये थे। जिसके जवाब में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने इन्हें जमकर लताड़ा था।
पिछले कुछ दिनों में हिज्बुल कमाण्डर बुरहान वानी की मौत से पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को ऐसा सदमा लगा है कि वो बेचैन हो उठे हैं। उन्होंने आतंकी बुरहान वानी को शहीद करार दिया है और उसकी याद में मंगलवार को पाकिस्तान में ब्लैक डे मनाये जाने का ऐलान कर दिया है।
इस्लामाबाद में एक हाई प्रोफाइल मीटिंग में पीएम शरीफ समेत सेना के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक की और ब्लैक डे मनाने का फैसला किया। पाकिस्तान का कहना है कि भारत, कश्मीर में अवाम की आवाज़ को दबाना चाहता है इसलिए ऐसा कर रहा है।
दरअसल भारत ने पाकिस्तान को अंदरुनी मामलों में दखल देने के लिए फटकार लगाई थी। साथ ही भारत ने इस बैठक पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों को ट्रेनिंग देकर भारत की सरज़मीं पर वारदातों को अंज़ाम देने के लिए भेजता है। आतंकवाद को पाकिस्तान का भरपूर समर्थन प्राप्त है। पाकिस्तान दक्षिण एशिया में लगातार अशांति और अस्थिरता फैलाये रखना चाहता है।
पाकिस्तान अातंकवाद के समर्थन में दुनिया में ये सन्देश देना चाहता है कि उनका देश किसी भी कीमत पर आतंकवादियों का साथ नहीं छोड़ेगा। बुरहान वानी के प्रति अगाढ़ स्नेह बरसाया जा रहा है। शायद नवाज़ शरीफ ये भूल रहे हैं कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी उनसे बेहद प्रेमपूर्ण व्यवहार रखने के हिमायती हैं। आतंकवादी घटनाओं का शिकार पाकिस्तान खुद भी रहा जिसमें उसने अपने मासूम बच्चों को खोया। इस सब के बावजूद पाक सरकार अपने नापाक इरादों में कोई परिवर्तन नहीं ला रही है।