शिखा पाण्डेय,
नेपाल के माओवादी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड का आज नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में चुनाव कर लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचंड को प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी। अब उम्मीद की जा रही है कि नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आएगी, जिसकी बहुत जरूरत है क्योंकि नए संविधान को लेकर राजनीतिक स्तर पर बहुत विभाजन है।
प्रचंड को आज नेपाली सांसदों ने दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना है।इससे पहले वह 2008 से 2009 तक प्रधानमंत्री रहे थे। सेना प्रमुख को बख्रास्त करने के उनके प्रयास को लेकर सेना के साथ मतभेद पैदा होने के बाद उनके कार्यकाल का जल्द अंत हो गया था।
भारत विरोधी रुख के लिए पहचाने जाने वाले प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था। उन्हें सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस का समर्थन मिला। इसके अलावा मधेसी पार्टियों ने भी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया।
इससे पहले, केपी ओली ने बीते 24 जुलाई को नेपाल के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद भारत के इस पड़ोसी देश में नया राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। आपको बता दें कि राष्ट्रपति विद्या भंडारी की ओर से सरकार के गठन के लिए दी गई समयसीमा खत्म हो गई थी और और प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
चुनाव से पहले प्रचंड ने सदन को संबोधित किया और कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सहमति की भावना के साथ आगे बढ़ते हुए देश को आर्थिक विकास की ओर ले जाने का प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि