अमित द्विवेदी,
मध्य प्रदेश के मन्दसौर ज़िले में गोमांस रखने के शक में कुछ लोगों ने दो महिलाओं की पिटाई कर दी। जिसपर राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने बड़ा विचित्र बयान दे डाला। मंत्री ने इसे स्वाभाविक जनाक्रोश बताया, फिर खुद को बचाते हुए यह भी कह डाला कि किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
इन दो अल्पसंख्यक महिलाओं को पीटने का मामला आज संसद में भी गूंजा। संसद में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाना बेहद गलत है। इसी मामले में स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन महिलाओं ने इस सम्बन्ध में कोई शिकायत नहीं दर्ज़ कराई है, जिनके बार में यह बातें कही जा रहीं हैं।
सरकार को घेरते हुए गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वे गोरक्षा का विरोध नहीं कार्टर बल्कि वे इसका समर्थन करते आए हैं। लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि आप गोरक्षा के नाम पर दलितों और मुसलामानों को प्रताड़ित करते रहें।
गौरतलब है कि मंदसौर स्टेशन पर दो महिलाओं की कथित हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं इन महिलाओं की पिटाई उनके पास गोमांस होने के शक में की। हालाँकि महिलाओं के पास जो मांस मिला उसकी जांच के बाद पता चला कि वो गोमांस था ही नहीं।
मंदसौर के टीआई कोतवाली, एमपी सिंह परिहार ने कहा कि महिलाओं के पास 30 किलो मांस पाया गया, जो जांच में भैंस का पाया गया। इस मामले में धारा 4,5,6 (गोवंश वध अधिनियम) के तहत 2 गिरफ्तारी हुई हैं।