चीन की बंदरघुड़की, “पहाड़ हिलाया जा सकता है, लेकिन चीनी सेना नहीं”

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com

सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में भारत के साथ सैन्य तनातनी के बीच चीन लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। चीन की सरकार के बाद अब पहली बार चीनी सेना ने भी डोकलाम को लेकर धमकी दी है, चीनी सेना ने जारी अपने बयान में कहा है कि डोकलाम से भारत की सेना पीछे हट जाए, नहीं तो हम अपनी संख्या और बढ़ा देंगे।

आए दिन चीन की सरकार की ओर से धमकी आती रहती है लेकिन ये पहली बार है कि चीनी सेना ने बयान जारी कर गीदड़भभकी दी है। चीनी सेना ने कहा है कि वो संप्रभुता की रक्षा के लिए कुछ भी करेंगे।

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू क़ियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “एक पहाड़ को हिलना आसान है, लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हिलाना बहुत मुश्किल।” उन्होंने आगे कहा कि चीन अपने क्षेत्र और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी क्षमता ‘लगातार मजबूत’ कर रहा है।

1 अगस्त को पीएलए की 90 वीं वर्षगांठ से पहले एक विशेष ब्रीफिंग में पीएलए ने डॉकलाम पर एक मजबूत संदेश दिया है, PLA की तरफ से साथ ही कहा गया है कि डोकलाम में तैनाती भी बढ़ाई जाएगी।

पीएलए ने यह भी कहा कि इस घटना के जवाब में एक “आपातकालीन प्रतिक्रिया” के तौर पर क्षेत्र में और अधिक चीनी सेना उतार सकती है, इसके साथ ही वरिष्ठ कर्नल वू कि़आन ने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता से डोकलाम पठार पर चीन के सड़क निर्माण का पक्ष भी रखा।

कि़आन ने कहा, “जून के मध्य में, चीनी सेना ने एक सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी, डोंगलंग चीन का क्षेत्र है और चीन का अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण करना एक सामान्य घटना है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत द्वारा चीन के क्षेत्र में घुसना परस्पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक गंभीर उल्लंघन है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।”

वरिष्ठ कर्नल वू ने कहा, “हम भारत से दृढ़ता पूर्वक आग्रह करते हैं कि वह अपने सैनिकों को दोनों देशों की सीमा रेखा से वापस बुलाए, यह समस्या को निपटाने के लिए आधार है।” उन्होंने आगे यह भी कहा, “हम दृढ़ता आग्रह करते हैं कि भारत अपनी गलतियों को सही करे और अपने उकसाने वाले कामों को समाप्त करे।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.