विकास कुमार तिवारी । Navpravah. com
85 वर्षीय भारतीय स्पेस सांइस के जनक यूआर राव का आज सुबह 2:30 बजे हार्ट की समस्या के कारण निधन हो गया है। लंबे वक्त से वे बीमार थे, जिसके कारण अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
कर्नाटक के अडामारू में 10 मार्च 1932 को एक साधारण परिवार में जन्मे राव को साल 2013 में सोसायटी ऑफ सेटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल ने सेटेलाइट हॉल ऑफ फेम, वाशिंगटन में शामिल किया था। साल 1984 से लेकर 1994 तक ISRO के अध्यक्ष रह चुके राव का ही दिमाग था चंद्रयान-1 और मंगलयान के पीछे। प्रोफेसर राव को अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन ने प्रतिष्ठित द 2016 आईएएफ हॉल ऑफ फेम में भी शामिल किया था।
यूआर राव की अगुवाई में ही भारत का पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ अंतरिक्ष में भेजा गया था, और 20 से अधिक उपग्रहों को भी उन्होंने ही डिजाइन किया था। प्रोफेसर यूआर राव का पूरा नाम उडुपी रामचंद्र राव था और साल 1976 में ही पद्मभूषण से सम्मानित होने के अलावा पिछले साल उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से नवाजा था।
वैज्ञानिक यूआर राव पिछले कई सालों से विदेशी यूनिवर्सिटी समेत कई बड़े संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत थे। उन्होंने 10 से ज्यादा इंटरनेशनल अवॉर्ड और कई नेशनल अवॉर्ड जीते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने प्रोफेसर यूआर राव के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रो. यूआर राव के योगदान को देश कभी नहीं भूल पाएगा।