एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
डीडी न्यूज़ में प्रकाशित खबर के मुताबिक चीन में आज से चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। चीन चाहता था कि भारत इस मंच पर पाक के खिलाफ आतंकवाद का मुद्दा न उठाए, लेकिन ब्रिक्स देशों की ओर से जो घोषणापत्र का मजमून सामने आया है, उसमें आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई है। साथ ही पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की भी कड़ी निंदा की गई है।
यह घोषणापत्र इसलिए भी अहम है, क्योंकि चीन कई बार जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में अड़ंगा लगा चुका है। खबर के अनुसार, शायमेन डिक्लेरेशन में लिखा है, ‘हम ब्रिक्स देशों समेत पूरी दुनिया में हुए आतंकी हमलों की निंदा करते हैं। हम सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं, चाहे वो कहीं भी घटित हुए हों और उसे किसी ने अंजाम दिया हो। इनके पक्ष में कोई तर्क नहीं दिया जा सकता। हम क्षेत्र में सुरक्षा के हालात और तालिबान, आईएसआईएस, अलकायदा और उसके सहयोगी, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और हिज्ब-उत-ताहिर द्वारा फैलाई हिंसा की निंदा करते हैं।’
बाद में विदेश मंत्रालय की सचिव प्रीति सरन ने बताया कि सभी ब्रिक्स नेताओं ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की। आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने की बात कही। प्रीति के मुताबिक, पहली बार ऐसा हुआ है कि आतंकी संगठनों के नामों का खास तौर पर जिक्र किया गया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पीएम ने ब्रिक्स की बैठक में सभी देशों को एकजुटता से निर्णय लेने की अपील की। पीएम मोदी ने सुरक्षा परिषद में बदलाव की भी बात की। इसके अलावा पीएम ने मनी लॉन्ड्रिंग, काला धन का मुद्दा सभी देशों के सामने उठाया।