ब्रिक्स सम्मलेन के लिए सभी देशों के प्रतिनिधि पहुंचे गोवा, आतंकवाद होगा सम्मलेन का अहम मुद्दा

शिखा पाण्डेय

गोवा में हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुख नेता प्रतिनिधि पणजी पहुंच चुके हैं। आज से दो दिनों तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चलेगा और ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा होगी। ब्रिक्स सम्मलेन के मद्देनजर पूरे गोवा में चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है।रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व प्रधानमंत्री मोदी के बीच वार्ता प्रारम्भ हो चुकी है।

आठवां ब्रिक्स सम्मेलन इस बार कई खास माना जा रहा है। भारत चाहता है कि ब्रिक्स की बैठक में सभी पांचों सदस्य ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका, भारत पर पाकिस्तान की ओर से हो रहे हमलों का विरोध करें। प्रधानमंत्री मोदी की यह भी कोशिश है कि इस बैठक के जरिए मंदी से जूझ रहे सदस्य देशों का हौसला बढ़ाया जाए।

पुतिन का यह भारत दौरा बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान भारत और रूस के बीच कई अहम रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। भारत रूस के साथ एस-400 एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील साइन करने जा रहा है। यह डील 33000 करोड़ रुपये की है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साइन करेंगे। इस मिसाइल को खरीदने वाला भारत दुनिया का दूसरा देश होगा।

इस सम्मेलन में भारत की चीन से होने वाली बातचीत पर भी सभी की नजरें हैं। चीन पहले ही कह चुका है कि भारत की एनएसजी सदस्यता और मसूद अजहर के मुद्दे पर उसका स्टैंड पहले की तरह रहेगा। गौरतलब है कि चीन भारत की एनएसजी मेंबरशिप को लेकर लगातार विरोध कर रहा है। इसके अतिरिक्त चीन ने यूएन में जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने का विरोध किया था।  चीन का कहना है कि वो भारत के राजनीतिक फायदे के लिए ऐसी किसी भी कोशिश का सपोर्ट नहीं कर सकता।

इस शिखर सम्मेलन और बिम्सटेक सम्मेलन के अतिरिक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 द्विपक्षीय मुलाकातें करेंगे। मोदी शनिवार को वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन से मिलेंगे। इसी दिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी द्विपक्षीय वार्ता होने की संभावना है। प्रधानमंत्री सोमवार का ब्राजील के राष्ट्रपति मिचेल टेमर से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। मोदी दक्षिण अफ्रीका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका के नेताओं से भी मिलेंगे। 16 अक्तूबर को भारत पहुंच रहीं म्यांमार की विदेशमंत्री आंग सान सू की भी मोदी से मुलाकात होगी।

आपको बता दें कि शिखर सम्मेलन के स्थल पर कड़े सुरक्षा इंतज़ामात किए गए हैं, ताकि परिंदा भी पर न मार सके। गोवा के बीचों को क़िले में तब्दील कर दिया गया है। सम्मेलन स्थल के रास्तों और हरेक महत्वपूर्ण एनएच पर पुलिसबलों की भारी तैनाती की गई है। समंदर किनारे एंटी एयरक्राफ्ट की भी तैनाती की गई है।

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