अनुज हनुमत,
उरी हमले का बदला लेते हुए भारतीय जवानों ने नियंत्रण रेखा के पास स्थित आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस लक्षित हमलों के बाद बांग्लादेश ने भारत का पक्ष लेते हुए कहा कि भारत को अपनी संप्रभुता और सीमा पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का “कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार” है। हालाँकि बांग्लादेश ने सभी पक्षों से ‘धैर्य’ बनाए रखने की अपील की।
आज बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि, “भारत को अपनी संप्रभुता और अपनी धरती पर हुए किसी भी हमले का जवाब देने का पूरा कानूनी और वैश्विक रूप से स्वीकार्य अधिकार है।” कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह “द्विपक्षीय विवाद” है और “दूसरे पक्ष से भी उल्लंघन” हुए हैं।
आगे चौधरी ने कहा कि, “यह (कश्मीर) लंबा और लगातार चलने वाला विवाद है और दूसरे पक्ष की ओर से भी उल्लंघन हुए हैं। बांग्लादेश का हमेशा से मानना रहा है कि स्वतंत्रता की संप्रभुता और देश के कानूनी अधिकारों के खिलाफ आक्रमकता या हमला स्वीकार्य नहीं है।
बांग्लादेश हमेशा मानता है कि किसी भी देश को तीसरे राष्ट्र की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए।” इक़बाल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सत्ता में आने के बाद जोर देकर कहा था कि किसी भी आतंकवादी समूह को पनाह लेने, योजना बनाने या भारतीय सीमा में हमले या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश की धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा। इसे लेकर हम इतने प्रतिबद्ध हैं कि ऐसी किसी भी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है।”
अपने बयान के बाद उन्होंने दोनों पक्षों से ‘धैर्य’ रखने की अपील करते हुए कहा कि, “बांग्लादेश को हमेशा लगता है कि इस तरह के मामलों में, सभी पक्षों की ओर से धैर्य रखा जाना चाहिए, क्योंकि हम मानते हैं कि दक्षेस देशों में हमें सभी सदस्य देशों के संप्रभु अधिकारों का सम्मान करते हुए, शांतिपूर्ण वातावरण में रहना चाहिए। बांग्लादेश के इस बयान ने पाकिस्तान की मुश्किले और बढ़ा दी हैं, क्योंकि बांग्लादेश पाकिस्तान का ही पुराना हिस्सा है।