एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। पनामा पेपर्स मामले में पहले पीएम नवाज शरीफ को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और अब विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ पर हाई कोर्ट की गाज गिर गयी है।
कोर्ट ने यूएई वर्क परमिट की जानकारी छुपाने के मामले में एक संसद सदस्य के तौर पर आसिफ को अयोग्य ठहराया है। कोर्ट के इस फैसले पर विरोधी दलों ने खुशी जाहिर की है।
आसिफ पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में चुनाव लड़ते वक्त संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने ‘इकामा’ (वर्क परमिट) का ब्योरा छुपाया था। हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय विशेष पीठ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता उस्मान डार की याचिका पर यह फैसला सुनाया है।
साल 2013 में आसिफ के खिलाफ चुनाव हार चुके उस्मान डार ने संसद सदस्य के रूप में आसिफ की योग्यता को चुनौती दी थी। आसिफ ने चुनाव लड़ते वक्त कथित तौर पर अपनी नौकरी और अपने वेतन की घोषणा नहीं की थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि, इंटरनेशनल मेकेनिकल एंड एलेक्ट्रिकल कंपनी के साथ आसिफ का असीमित कार्यकाल के रोजगार का अनुबंध था। उन्हें जुलाई 2011 में पूर्णकालिक कर्मी के तौर पर नियुक्त किया गया था और वे विभिन्न पदों पर रहे थे।
उन्होंने दावा किया कि अनुबंध के तहत आसिफ को 35,000 एईडी मासिक वेतन और 15,000 एईडी मासिक भत्ते के तौर पर मिलने थे जिसकी उन्होंने घोषणा नहीं की थी।