एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा की शीर्ष अदालत में जज के रूप में नियुक्ति पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के नियुक्ति रोकने के आग्रह को ‘अकल्पनीय’ करार दे दिया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खनविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई। चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ को भी शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त करने का केन्द्र को निर्देश दिया जाए।
जयसिंह ने जोसेफ और मल्होत्रा के नामों को अलग करने के केन्द्र के निर्णय का जिक्र किया और कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता सरकार को दोनों नामों की सिफारिश करनी चाहिए थी या अस्वीकार करना चाहिए था।
पीठ ने कहा, संवैधानिक शुचिता की मांग है कि इंदु मल्होत्रा की नियुक्ति के वारंट पर अमल किया जाए, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह यह सुनकर हतप्रभ है कि बार की एक सदस्य को न्यायाधीश नियुक्त किया जा रहा है और अपराह्न दो बजे वकीलों का समूह नियुक्ति के वारंट पर रोक लगाने के लिये इसका उल्लेख कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने इस साल जनवरी में मोदी सरकार से उत्तराखंड के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसफ और सुप्रीम कोर्ट की सीनियर वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी।
मोदी सरकार ने इंदु के नाम को मंजूरी दी सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाली देश की सातवीं महिला होंगी। इसके अलावा वह देश की पहली महिला वकील भी होंगी जो सर्वोच्च न्यायालय में सीधे जज बनेंगी।