सुनील यादव | Navpravah.com
भारत और श्रीलंका के बीच धर्मशाला के HPCA स्टेडियम पर खेले जा रहे पहले एकदिवसीय मैच में विकेटों का पतझड़ सा लग गया है। मैच में टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम का कोई बल्लेबाज श्रीलंकाई गेंदबाज़ों के सामने टिक न सका और पूरी टीम महज 112 रनों पर ढेर हो गई। महेंद्र सिंह धोनी ने सबसे ज्यादा 65 रनों की पारी खेली।
रोहित शर्मा की अगुवाई में खेलने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही, 0 के स्कोर पर भारत को एंजेलो मैथ्यूज़ ने शिखर धवन के रूप में पहला झटका दिया। इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा भी महज 2 रन बना कर चलते बनें। सुरंगा लकमल और एंजेलो मैथ्यूज़ की आग उगलती गेंदबाजी के सामने भारतीय युवा बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। इसके कारण एक के बाद एक विकेट गिरते चले गए। जहाँ दिनेश कार्तिक 18 गेंद खेलकर भी शून्य पर चलते बनें, वहीँ मनीष पांडेय(2) और श्रेयस अय्यर(9) भी टीम के लिए कुछ खास योगदान नहीं कर सके।
महज 30 रनों के भीतर ही 7 विकेट खोने के बाद ऐसा लग रहा था कि भारत 50 रन भी बनाने में असमर्थ हो जाएगा पर भारत के अनुभवी खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी ने कुलदीप यादव के साथ मिलकर भारतीय टीम को अपने पिछले न्यूनतम स्कोर 78 के पार पहुंचाया। महेंद्र सिंह धोनी ने कुछ कोशिश जरूर की पर एक साइड से विकेट गिरते रहने से दबाव बढ़ता गया और पूरी टीम 112 रनों पर ऑलआउट हो गई। श्रीलंका की ओर से सबसे ज्यादा विकेट सुरंगा लक्मल ने लिए, उन्होंने 10 ओवरों में महज 13 रन खर्च करते हुए 4 बेशकीमती विकेट हासिल किये। भारत के 8 बल्लेबाजों का दहाई के आकड़े को अपने ही घर में न छू पाना कहीं न कहीं भारतीय टीम के लिए चिंता की घंटी है।
गौरतलब है कि इस महीने के अंत में भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका का दौरा करना है। विश्व टेस्ट रैंकिंग में भारत पहले एवं वनडे रैंकिंग में भारत दूसरे पायदान पर है। इसलिए कहीं न कहीं भारतीय बल्लेबाजों के साउथ अफ्रीका दौरे से ठीक पहले ऐसे प्रदर्शन ने टीम प्रशासन को सोचने पर विवश किया है।